डॉ ज्योत्स्ना शर्मा
1
वो राग बजाना है
सूखे अधरों पर
अब गीत सजाना है।
2
मौसम अरमानों का
होंठों को देगा
गहना मुस्कानों का !
3
क्या खूब इरादा था
याद करो , जल्दी
मिलने का वादा था !
4
जाने क्या बोल गईं
कंगन ,पैंजनियाँ
बातें सब खोल गईं !
5
इन काली रातों में
खूब उजाले हैं
प्रियतम की बातों में !
6
दुख तो कम करती हैं
नयनों से बादल से
बूँदें जब झरती हैं !
7
रीती क्यों गागर है
सूखी है नदिया
तृष्णा का सागर है !
8
माँझी से प्यार नहीं
हरि-सुमिरन
की भी
थामी पतवार नहीं !
-0-
20 टिप्पणियां:
मौसम अरमानों का
होंठों को देगा
गहना मुस्कानों का !
विशेष लगा
बहुत ही सुंदर माहिये।
सुंदर सृजन। बधाई।
क्या खूब माहिया हैं...बहुत प्यारे । सु.व.।
उत्कृष्ट माहिया हैं.
बधाई
डॉ ज्योत्सना जी बहुत खूब सूरत माहिया हैं बधाई हो |
वाहहह!!
Dr Jyotsna ji
छठा माहिया जाँच लें...दूसरी पंक्ति में 12 वर्ण हैं..
बहुत ख़ूबसूरत माहिया ज्योत्स्ना जी... बधाई।
Bahut sundar mahiya, badhayi jyotsna ji
बहुत सुंदर सार्थक माहिया सखी ..हार्दिक बधाई
सुंदर, भावपूर्ण माहिया सखी ! बहुत बधाई आपको इस सृजन हेतु !!!
~सस्नेह
अनिता ललित
खूबसूरत माहिया...बहुत बधाई...|
Achha limh rahe hain aap bahut bahut badhai...
ज्योत्सना जी वाह ! एक से बढ़कर एक माहिये । देखिये तो छटा - मौसम अरमानों का / होठों को देगा / गहना अरमानों का । बहुत सारी बधाई ।
खूबसूरत , भावपूर्ण माहिया सखी ! हार्दिक बधाई आपको !!!
खूबसूरत , भावपूर्ण माहिया सखी ! हार्दिक बधाई आपको !!!
ज्योत्सना प्रदीप
आप सभी सुधीजनों का हृदय से आभार !
सादर
ज्योत्स्ना शर्मा
शुक्रिया पूर्णिमा जी , ठीक कर लूँगी |
बेहतरीन भावपूर्ण माहिया ज्योत्सना जी। बधाई।
शुक्रिया भावना जी 🙏
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