1-जी जाएगी गौरैया -भावना सक्सैना
बहता जाए
जीवन का झरना
संग हवा के
महकता यादों से
देख गौरैया
जी उठता मन में
कच्चा आँगन
फुदकती फिरती
नन्ही गौरैया
बीनकर तिनके
नीड़ सजाती।
नाजुक थी फाहे -सी
कलरव से
गूँजे घर आँगन
सुख के क्षण
दिनभर पलते
चीं- चीं सुनती
सपने थी बुनती
बीते बरस
अब यादें पलती।
रही घूमती
भर चोंच तिनके
मिला न ठौर
कंक्रीट के जंगल
ऊँची दीवारें
बन्द हैं खिड़कियाँ
खोया आश्रय
रहेगी कहाँ अब?
प्यारी गौरैया
आओ मिलके सब
पोस लें इसे
कुछ वृक्ष रोप दें
द्वार पे रखें
अंजुरी भर पानी
नित दाना दें
जी जाएगी बरसों
प्यारी नन्ही गौरैया ।
जीवन का झरना
संग हवा के
महकता यादों से
देख गौरैया
जी उठता मन में
कच्चा आँगन
फुदकती फिरती
नन्ही गौरैया
बीनकर तिनके
नीड़ सजाती।
नाजुक थी फाहे -सी
कलरव से
गूँजे घर आँगन
सुख के क्षण
दिनभर पलते
चीं- चीं सुनती
सपने थी बुनती
बीते बरस
अब यादें पलती।
रही घूमती
भर चोंच तिनके
मिला न ठौर
कंक्रीट के जंगल
ऊँची दीवारें
बन्द हैं खिड़कियाँ
खोया आश्रय
रहेगी कहाँ अब?
प्यारी गौरैया
आओ मिलके सब
पोस लें इसे
कुछ वृक्ष रोप दें
द्वार पे रखें
अंजुरी भर पानी
नित दाना दें
जी जाएगी बरसों
प्यारी नन्ही गौरैया ।
-0-
जुगल बन्दी : माहिया
ज्योत्स्ना प्रदीप
1
हर पल हैं उजियाले
यादों के जुगनूं
हमनें दिल में पाले ।
0
ये सपन सलोना है
जगमग सा अब तो
दिल का हर कोना है।
2
जीवन उजियारा है
पास वही अपनें
हमको जो प्यारा है।
0
मन ये मजबूर हुआ
मन को जो प्यारा
बस वो ही दूर
हुआ।
3
जीवन अब भार नहीं
मन में संशय की
कोई दीवार नहीं ।
0
चुप सी हैं दीवारें
फीके रंग पड़े
सीली ईंटें ,गारे ।
4
ये दरद सरीखा है।
चुप -चुप सा मन में
ना बोला ,चीखा है।
0
गम बात नहीं करते
दिल की चोटों को
बस आँसू से तरते ।
5
इतना अहसान करो
हर अपनें ग़म
को
बस मेरे नाम करो।
0
हर सुख तुझ पर वारे
मेरी आँखें में
तेरे दुख के धारे ।
6
तुम बिन दिन थे रीते
तुमको भान नहीं
हम कैसे थे जीते।
0
अब याद नहीं आता
कब बिछुरे थे हम
कई जन्मों का नाता।
-0-
13 टिप्पणियां:
बहुत सुन्दर माहिया और चोका हैं...| आप दोनों को मेरी बहुत बधाई |
ज्योत्सना जी, बहुत बढ़िया जुगलबंदी की है। बधाई।
मेरे चोका को यहाँनस्थानन्देने के लिए आदरणीय संपादक द्वय का आभार।
भावना
वाह ज्योत्सना जी बहुत सुन्ब्दर जुगलबंदी है बधाई सुन्दर माहिया सुन्दर चोका हैं...| आप दोनों को मेरी बहुत बधाई |
bahut pyaaraa choka aur saras , madhur maahiyaa !
donon rachanaakaron ko haardik badhaaii !
Bhavna ji
Bhut Khub....
Priynka ji..
Manbhavan
Jyotsna ji
Mahiya ...Waah....
बहुत सुंदर भावना जी का चोका !
ज्योत्स्ना जी माहिया जुगलबंदी ... क्या कहने...बहुत ख़ूब!!
हार्दिक बधाई आप दोनों को!!!
~सादर
अनिता ललित
बहुत मनभावन भावना जी के चोका । ज्योत्सना जी जी की मीठे माहिया की सुन्दर जुगल बंदी । आपदोनों को बधाई ।
कलम ऐसे ही चलती रहे । नवरात्र व नववर्ष की हार्दिक शुभकामनायें ।
बहुत सुन्दर चोका हैं भावना जी हार्दिक बधाई !!!
आभारी हूँ आदरणीय संपादक द्वय की ... मेरे माहिया को यहाँ स्थान देनें के लिए !!
आप सभी का आभार।!
बहुत मन भवन चोका और माहिया हैं आपको हार्दिक बधाई |
Dono ne hi bahut khub likha hai..rachnakaron ko meri bahut bahut badhai...
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