मंगलवार, 18 अप्रैल 2017

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राजेश काम्बोज 
1.


कैसी मजबूरी है
मिलती ना छाया 
तरुवर से दूरी है ।
2.
पानी भर गागर से
प्यास बुझा लेगी
नदिया मिल सागर  से ।
3.
जीवन संगीत हुआ
यौवन आया तो
हर कोई मीत हुआ
4.
कलियाँ जब मुस्काई 
मेहनत माली की
रंगत फिर से लाई ।

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10 टिप्‍पणियां:

ज्योति-कलश ने कहा…

Waah waah
Bahut sundar bhavpoorn mahiya ...aadarniy Rajesh Kamboj ji ko hardik badhaaii 💐💐

Jyotsana pradeep ने कहा…

बहुत बढ़िया माहिया!!
बहुत -बहुत बधाई आपको आद.राजेश काम्बोज जी !

Satya sharma ने कहा…

बहुत ही बेहतरीन
हार्दिक बधाई

Satya sharma ने कहा…

बहुत ही बेहतरीन
हार्दिक बधाई

Krishna ने कहा…

बहुत सुंदर भावपूर्ण माहिया।
बहुत-बहुत बधाई।

प्रियंका गुप्ता ने कहा…

बहुत सुन्दर...हार्दिक बधाई...|

Dr.Purnima Rai ने कहा…

सत्य से पर्दा उठाते हुये बेहतरीन माहिया दिल छूने वाले हैं..।बधाई...

Unknown ने कहा…

सुंदर

Unknown ने कहा…

आप सब आदरणीय लेखक एवं लेखिकाओं ने मेरी पोस्ट पर टिप्पणी देकर मुझे जो उर्जा प्रदान की है उसके लिए आप सबका तहेदिल से शुक्रगुज़ार हूँ ।

Unknown ने कहा…

Very nice g