डॉ पूर्णिमा राय
1
हम तेरे कायल हैं
साजन आ जाना
घिर आए बादल हैं
2
बादल घिर आए हैं
यादों की गठरी
भर-भर कर लाए हैं
3
यह दिल है दीवाना
राह तकें नैना
मौसम भी मस्ताना
4
तुम दूर करो गम को
हँसना जीवन है
ख़त लिख
देना हमको
5
खिड़की से झाँक रहा
निर्मोही चंदा
बरबस ही ताक रहा।।
6
बूँदें बन बारिश की
रोता
है अम्बर
बू आए साजिश की।।
3 टिप्पणियां:
sunder
सुंदर प्रस्तुति 👌👍
वाह बहुत सुंदर माहिया पूर्णिमा जी
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