1-डॉ.जेन्नी
शबनम
1
हाल
बेहाल
मन में
है मलाल
कैसी
ज़िन्दगी?
जहाँ
धूप न छाँव
न तो
अपना गाँव।
2
ज़िन्दगी
होती
हरसिंगार
फूल,
रात
खिलती
सुबह
झर जाती,
ज़िन्दगी
फूल होती।
3
बोझिल
मन
भीड़
भरा जंगल
ज़िन्दगी
गुम,
है छटपटाहट
सर्वत्र
कोलाहल।
4
दीवार
गूँगी
भेद
सारा जानती,
कैसे
सुनाती?
ज़िन्दगी
है तमाशा
दीवार
जाने भाषा।
5
कैसी
पहेली?
ज़िन्दगी
बीत रही
बिना
सहेली,
कभी- कभी डरती
ख़ामोशियाँ
डरातीं।
6
चलती
रही
उबड-खाबड़
में
हठी
ज़िन्दगी,
ख़ुद
में ही उलझी
निराली
ये ज़िन्दगी।
7
फुफकारती
नाग
बन डराती
बाधाएँ
सभी,
मगर
रुकी नहीं,
डरी
नहीं, ज़िन्दगी।
8
थम भी
जाओ,
ज़िन्दगी
झुँझलाती
और कितना?
कोई
मंज़िल नहीं
फिर
सफ़र कैसा?
9
कैसा
ये फ़र्ज़
निभाती
है ज़िन्दगी
साँसों
का क़र्ज़,
गुस्साती
है ज़िन्दगी
जाने
कैसा है मर्ज़।
10
चीख़ती
रही
बिलबिलाती
रही
ज़िन्दगी
ख़त्म,
लहू
बिखरा पड़ा
बलि
पे जश्न मना।
-0-
1
जुगनू
तम में आया
आशा
चमकी फिर
था
रोशन हमसाया ।
2
मन
डूबा - उतरा है
आलोड़न
में अब
भीगा
हर कतरा है ।
3
थक
जाना मत राही
साँस
तलक चल तू
मंजिल
पा दिलचाही ।
4
मेरा घर सूना है
आ
भर खुशियाँ तू
उजियारा
दूना है ।
5
बातों
के घोड़े थे
दौड़े
सरपट वो
सपनों
को जोड़े थे ।
6
आखर
बहुतेरे हैं
काग़ज़
तो कोरा
भावों
के डेरे हैं ।
-0-
14 टिप्पणियां:
बहुत सुंदर
बहुत सुंदर
Gahan abhivayakti,bahut bahut badhai.
चलती रही
उबड-खाबड़ में
हठी ज़िन्दगी,
ख़ुद में ही उलझी
निराली ये ज़िन्दगी।
जेन्नी जी ज़िन्दगी पर गहन अभिव्यक्ति ।
सुषमा जी , भावना जी आभार । संपादक द्वय आपका हार्दिक शुक्रिया माहिया को स्थान प्रदान करने के लिये ।
जेन्नी जी ,कैसी जिन्दगी ? को आप ने हर पहलू से परख लिया ।पर फिर भी लगता उत्तर अधूरा है । जिन्दगी नित नये रंग बदलती है । ... बहुत सुन्दर लगे सभी ताँका ।
विभा जी आप के माहिया भी भावपूर्ण हैं ।आप दोनों को बधाई ।
जैन्नी जी बहुत सुंदर अभिव्यक्ति। भावपूर्ण माहिया विभा जी। आप दोनों को बधाई।
जेन्नी जी , विभा जी , सुंदर रचनाओं के लिए बधाई |
सस्नेह,
शशि
बहुत सुंदर !! विभा वा जेन्नी जी को बधाई|
पुष्पा मेहरा
beautiful
सुन्दर व गहन अभिव्यक्ति !
बहुत अच्छा लगा आप दोनों की रचनाएँ पढ़कर ......
आदरणीय विभा जी तथा जेन्नी जी .. हार्दिक शुभकामनाएँ !!
जेन्नी शबनम जी ,विभा जी बहुत सुंदर सार्थक सृजन आप दोनों को हार्दिक बधाई ।
बहुत सुन्दर तांका और माहिया...|
जेन्नी जी और विभा जी को बहुत बहुत बधाई...|
जेन्नी जी के ताँका एवं विभा दी के माहिया दोनों भावपूर्ण एवं गहन !
हार्दिक बधाई आप दोनों को!!!
~सादर
अनिता ललित
बहुत सुन्दर तांका और माहिया...
जेन्नी जी और विभा जी को हार्दिक बधाई !!
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