बापू
जन्म तुम्हारा
सौभाग्य है हमारा
तुमने दिया
जग को नया ज्ञान
हारे- पिछड़े
वक्त ने जो थे मारे
दुख उनका
सह न पाए तुम
तुमने किया
अहिंसात्मक जंग
तुमने कहा-
सत्य और अहिंसा
सच्चे विचार
स्वयं पर विजय
यही था बस
तुम्हारा हथियार
तुम महान
लाए नया विहान
दूर भगाया
विदेशी सरमाया
मगर देखो
तुम्हारा उपकार
भूला संसार
छल से किया वार
दिया आघात
जो अपने तुम्हारे
सीना छलनी
हुई लहूलुहान
तुम्हारी भूमि
प्रण पखेरू उड़े
तुम निष्प्राण
जग में कोहराम
ओह! हे राम!
यह क्या हुआ राम!
हिंसा से हारा
अहिंसा का पुजारी
तुम तो चले गए
अच्छा ही हुआ
न देखा यह सब
देख न पाते
तुम्हारी कर्मभूमि
खंडों में टूटी
तुम्हारा बलिदान
हुआ है व्यर्थ
तुम्हारे अपने ही
छलते रहे
खंजर भोंक रहे
अपनों को ही
तुम्हारी शिक्षा भूल
तुम्हारा दर्शन
तुम्हारे विचार त्याग
घिनौने कार्य
तुम्हारे नाम पर
ओह! दुख:द!
हम नहीं भूलेंगे
अपनाएँगे
तुमसे सीखा पाठ
नमन बापू
पूजनीय हो तुम
अमर रहो तुम।
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13 टिप्पणियां:
बहुत सुंदर । अर्थपूर्ण
गाँधी जयंती के अवसर पर सुन्दर रचना.... बधाई |
गाँधी जी पर सुन्दर उद्गारों से परिपूर्ण चोका । बधाई शबनम जी ।
बहुत सुन्दर, प्रासंगिक रचना। हार्दिक बधाई।
बहुत सुन्दर , सामयिक चोका |
जय जवान ,जय किसान !..हार्दिक बधाई !
आप सभी को गाँधी जयन्ती की हार्दिक बधाई. मेरी इस रचना को यहाँ प्रेषित करने के लिए बहुत बहुत आभार. आप सभी ने इसे पसंद किया मैं अभिभूत हूँ.
व्यक्तित्व के अनुरूप ही बहुत अच्छा लिखा।
बहुत ही सारगर्भित और उम्दा चोका
हार्दिक बधाई सुंदर लेखन हेतु
इस बेहतरीन चोका के लिए बहुत बधाई...|
आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 4.10.18 को चर्चा मंच पर चर्चा - 3114 में दिया जाएगा
धन्यवाद
महात्मा गाँधी एवं शास्त्री जी, दोनों ही हमारे राष्ट्र के अनमोल रत्न रहे हैं| उन्हें नमन करते हुए आपको इस प्रासंगिक रचना के लिए साधुवाद|
शशि पाधा
बहुत उम्दा चोका..... बहुत-बहुत बधाई।
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