रश्मि विभा त्रिपाठी
"पुष्पं समर्पयामि!
“आज के दिन का खास महत्त्व है बेटी! ऐसी मान्यता है कि भगवान श्री कृष्ण इस अवसर पर फूलों की होली खेलते हैं और रंगोत्सव का शुभारम्भ करते हैं। इस दिन से सब पर फागुनी रंग चढ़ने लगता है”-कहते हुए दीप प्रज्वलित करने लगीं।
"मेरे लिए भी यह दिन विशेष महत्त्वपूर्ण है; क्योंकि इसी शुभ दिन पर ईश्वर ने तुम्हें इस धरती पर भेजा था। मेरी प्यारी माँ जन्म दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ"
"अरे तुझे याद है?"
"भला मैं कैसे भूल सकती हूँ माँ? बताओ क्या दूँ तुम्हें?"
हँसकर मेरे सर पर स्नेह से हाथ धर कह उठी "मेरे ईश ने मुझे सबसे सुंदर उपहार तेरे रूप में दिया है बेटी और मुझे क्या चाहिए?"
"आ बेटी ईश चरणों में वंदन करें"
"माँ मेरी ईश तो तुम ही हो"-
मेरी आराध्या
तूने जीवन दिया
वंदन तुझे।
जीवन के 74 वसंत देख चुकी तुम्हारी आँखों ने मेरे सुखद भविष्य
के न जाने कितने स्वप्न देखे हैं,उन स्वप्नों को साकार करने
हेतु तुमने कई संघर्ष झेले हैं।
मेरी खुशी के लिये तुम हर मुश्किल से लड़ी हो।कोई
विषम परिस्थिति यदि मेरे समीप आई, तुम सामने चट्टान बनकर खड़ी
हो गईं ।मुश्किलें तुम्हें झुका नहीं सकीं जैसे कि तेज
रफ्तार हवाएँ कभी पर्वत को हिला नहीं पाईं।दुखों की आँधी
मुझे छू भी नहीं पाई।तुम्हारी ओट में मेरी हर साँस सदैव
सुरक्षित रही है
मैं कृतज्ञ हूँ माँ
तुम्हारे प्रेम से सुवासित मेरा जीवन...तुम्हारी मातृत्व छाँव में
हर घड़ी हँसता मुस्कराता रहा है।तुम हजारों बरस जियो माँ। तुम्हारा
साया मेरे सर पर सदा यूँ ही रहे।
मैं बलिहारी
मिली कल्पवृक्ष माँ
शैलकुमारी।
10 टिप्पणियां:
वाह रश्मि जी, दिल खुश हो गया पढ़कर!!
माँ पर लिखी गयी हर रचना लाजवाब होती ही है जिस पर कोई भी टिप्पणी कम होती है।
बधाई।
सचमुच आत्मीय भाव लिखे हैं। बहुत अच्छे लगे। बधाई आपको। माँ के आशीष की छाँव जीवन के संताप हर लेती है। बहुत दुआएँ मेरी तरफ़ से माँ को।
सुंदर भावों से परिपूर्ण हाइबन।बधाई रश्मि जी।
भावपूर्ण हाइगा।
बहुत भावपूर्ण हाइगा...हार्दिक बधाई।
बहुत सुंदर, भावपूर्ण ।हार्दिक बधाई।
बहुत सुन्दर और भावपूर्ण हाइगा, हार्दिक बधाई रश्मि जी।
माँ पर लिखा भावमय हाइबन बहुत खूबसूरत । दोनों हाइकु भी हाइबन के पूरक हैं । खूब बधाई ।
आप सभी की सुन्दर टिप्पणी का हार्दिक आभार आदरणीय।
सादर
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