शनिवार, 29 मई 2021

972-पहाड़ी नदी

 डॉ.कविता भट्ट




16 टिप्‍पणियां:

Krishna ने कहा…

बहुर सुंदर चोका...हार्दिक बधाई कविता जी।

शिवजी श्रीवास्तव ने कहा…

सुंदर चोका।हार्दिक बधाई कविता जी।

भीकम सिंह ने कहा…

बेहतरीन ••••हार्दिक शुभकामनाएँ ।

नीलाम्बरा.com ने कहा…

हार्दिक आभार आप सभी का।

Dr. Purva Sharma ने कहा…

कविता जी सुन्दर चोका सृजन के लिए बधाइयाँ

AAJADI KE SIPAHI ने कहा…

बहुत बढ़िया

Dr.Mahima Shrivastava ने कहा…

सुंदर

बेनामी ने कहा…

बहुत ही सुन्दर चोका।
सुन्दर सृजन की हार्दिक बधाई आदरणीया 🌹

सादर

सहज साहित्य ने कहा…

नदी के स्वरूप और उसकी विशेषता का भावपूर्ण चित्रण। कम से कम पंक्तियों में प्रस्तुत किया चोका बहुत प्रभावशाली।

पूनम सैनी ने कहा…

बहुत सुंदर कविता।नदी से और इस कविता से साहस,परिश्रम,लगन,निरंतर प्रयास की सीख ली जा सकती है।चंद पंक्तियों की छोटी से कविता में कविता मैम ने नदी के प्रेम,लगन,साहस, परिश्रम और प्रयास का बहुत सुंदर वर्णन किया है।लाजवाब लेखनी से निकली एक और उम्दा कृति।💐👌

नीलाम्बरा.com ने कहा…

हार्दिक आभार आप सभी का।

Sudershan Ratnakar ने कहा…

बहुत सुंदर चोका। बधाई

प्रियंका गुप्ता ने कहा…

इस प्यारे से चोका के लिए बहुत बधाई कविता जी

Jyotsana pradeep ने कहा…


बहुर सुंदर चोका...हार्दिक बधाई प्रिय कविता जी।

सविता अग्रवाल 'सवि' ने कहा…

बहुत सुंदर चोका रचा है कविता जी बधाई ।

Anita Manda ने कहा…

बहुत सुंदर