रविवार, 23 जुलाई 2023

1128

 1-सेदोका

डॉ. कविता भट्ट



1

तू वृक्ष बन

तो मैं लता बनूँगी

तू चिट्ठी बन जाना

पता बनूँगी

तू बन सजा कोई

मैं ही खता नूँगी

 

-0-


9 टिप्‍पणियां:

बेनामी ने कहा…

अच्छा सेदोका-बधाई।

प्रियंका गुप्ता ने कहा…

कितनी प्यारी अभिव्यक्ति, बहुत बधाई कविता जी

Archana rai ने कहा…

बहुत प्यारा....

शिवजी श्रीवास्तव ने कहा…

वाह,अनुपम।वृक्ष के साथ लता,चिट्ठी के साथ पता,सजा के साथ खता.. प्रीति की अभिन्नता का बेजोड़ सेदोका।डॉ. कविता जी को बधाई।

बेनामी ने कहा…

वाह लाजवाब ।हार्दिक बधाई ।
विभा रश्मि

बेनामी ने कहा…

बहुत ख़ूब, सुंदर। सुदर्शन रत्नाकर

प्रीति अग्रवाल ने कहा…

बहुत खूबसूरत, आपको बधाई कविता जी!

Sushila Sheel Rana ने कहा…

पावन प्रेम की सहज सी चाह लिए बहुत ही खूबसूरत अभिव्यक्ति । बधाई डॉ कविता।

डॉ. जेन्नी शबनम ने कहा…

बहुत खूबसूरत भाव. बधाई कविता जी.