मंगलवार, 16 जुलाई 2024

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कृष्णा वर्मा 

1

साँसों को सेंक दिला 

हौके भर-भरके 

अंतर्मन बरफ़ हुआ। 

2

सपनों ने विष घोला 

तारी जगराते 

दिल ने जब दुख खोला।

3

नज़रों से नज़र मिली 

तिरछी चितवन ने 

सारी सुध-बुध हर ली।

4

चौमुख तेरा फेरा

खाली काग़ज़ पर 

जब नाम लिखा तेरा।

5

मुख पर सुख की लाली

नैन कमंडल तो 

अब भी ख़ाली-ख़ाली। 

6

दिल में सुलगें यादें 

आँसू सूखें ना

जब याद करूँ वादे। 

7

किसने भड़काया है

परखे बिन तूने

हमको बिसराया है। 

8

आसान नहीं जीना 

झूठा मुसकाके 

पीड़ाओं को पीना। 

9

चैती जब गाती है 

दिल के चोरों को 

रुत जमके भाती है। 

10

आमों पे बौर पड़े 

याद डसे तेरी

दिल हो टुकड़े-टुकड़े।

11

आँखों में रात गई 

मन में तुम घुमड़े 

जब-जब बरसात हुई। 

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8 टिप्‍पणियां:

भीकम सिंह ने कहा…

बहुत सुंदर माहिया, हार्दिक शुभकामनाऍं ।

शिवजी श्रीवास्तव ने कहा…

सभी माहिया बहुत सुंदर।हार्दिक बधाई।

dr.surangma yadav ने कहा…

बहुत सुंदर माहिया।हार्दिक बधाई कृष्णा जी।

रश्मि विभा त्रिपाठी ने कहा…

बहुत ही सुंदर माहिया।
हार्दिक बधाई आदरणीया कृष्णा दीदी को 🌷💐

सादर

anjun20 ने कहा…

लाजवाब लेखन

Sushila Sheel Rana ने कहा…

विविध भाव लिए बहुत सुंदर माहिया। बधाई कृष्णा जी

बेनामी ने कहा…

बहुत सुंदर माहिया । हार्दिक बधाई । सुदर्शन रत्नाकर

surbhidagar001@gmail.com ने कहा…

बहुत ही सुन्दर, बहुत बधाई आपको।