कृष्णा वर्मा
1
साँसों को सेंक दिला
हौके भर-भरके
अंतर्मन बरफ़ हुआ।
2
सपनों ने विष घोला
तारी जगराते
दिल ने जब दुख खोला।
3
नज़रों से नज़र मिली
तिरछी चितवन ने
सारी सुध-बुध हर ली।
4
चौमुख तेरा फेरा
खाली काग़ज़ पर
जब नाम लिखा तेरा।
5
मुख पर सुख की लाली
नैन कमंडल तो
अब भी ख़ाली-ख़ाली।
6
दिल में सुलगें यादें
आँसू सूखें ना
जब याद करूँ वादे।
7
किसने भड़काया है
परखे बिन तूने
हमको बिसराया है।
8
आसान नहीं जीना
झूठा मुसकाके
पीड़ाओं को पीना।
9
चैती जब गाती है
दिल के चोरों को
रुत जमके भाती है।
10
आमों पे बौर पड़े
याद डसे तेरी
दिल हो टुकड़े-टुकड़े।
11
आँखों में रात गई
मन में तुम घुमड़े
जब-जब बरसात हुई।
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8 टिप्पणियां:
बहुत सुंदर माहिया, हार्दिक शुभकामनाऍं ।
सभी माहिया बहुत सुंदर।हार्दिक बधाई।
बहुत सुंदर माहिया।हार्दिक बधाई कृष्णा जी।
बहुत ही सुंदर माहिया।
हार्दिक बधाई आदरणीया कृष्णा दीदी को 🌷💐
सादर
लाजवाब लेखन
विविध भाव लिए बहुत सुंदर माहिया। बधाई कृष्णा जी
बहुत सुंदर माहिया । हार्दिक बधाई । सुदर्शन रत्नाकर
बहुत ही सुन्दर, बहुत बधाई आपको।
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