मंगलवार, 30 जुलाई 2024

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सुदर्शन रत्नाकर

1


हरियाली है छाई

सावन आते ही

यादों की रुत आई।

2

जब मेघ बरसता है

मन साँवरिया से

मिलने को करता है।

3

बूँदें जब गिरती हैं

प्यास बुझाने को

आकुल हो फिरती हैं।

4

लो सावन आया है

बिन माँगे ही वो

सौग़ातें लाया है।

5

सावन तो आया है

मेघ नहीं बरसे

जीवन मुरझाया है।

6

नभ में मेघा छाए

नाचे मन हर पल

तुम जो अँगना आए।

7

नभ में बदली छाई

सूरज तो रूठा

पर धरती मुस्काई

8

बूँदें जब गिरती हैं

प्यास बुझाने को

धरती से मिलती हैं।

9

लो बादल बरसे हैं

धरती भीग गई

सबके मन सरसे हैं।

10

लो पानी बरसा है

मैं तो भीग गई

मन भी यह तरसा है॥

11

सावन के झूले हैं

वादा मिलने का

हम कैसे भूले हैं।

12

मोती-सी चमकी हैं

बारिश की बूँदें

फूलों पर चमकी हैं

13

हरियाली छाई है

धरती महक गई

सावन रितु आई है।

14

रितु सावन की आई

तुझसे मिलने की

ये मनभावन आई।

-0-

सुदर्शन रत्नाकर ई-29, नेहरू ग्राउंड,फ़रीदाबाद 121001

14 टिप्‍पणियां:

प्रीति अग्रवाल ने कहा…

वाह! एक से बढ़कर एक सुंदर माहिया। हार्दिक बधाई दी।

भीकम सिंह ने कहा…

बहुत सुंदर माहिया, हार्दिक शुभकामनाऍं।

Ramesh Kumar Soni ने कहा…

अच्छे माहिया-हार्दिक बधाई जी।

dr.surangma yadav ने कहा…

बहुत सुंदर माहिया ।बधाई आदरणीया।

Rashmi Vibha Tripathi ने कहा…

बहुत सुंदर माहिया।
हार्दिक बधाई आदरणीया रत्नाकर दीदी को

सादर

बेनामी ने कहा…

प्रीति अग्रवाल जी, भीकम सिंह जी, रमेश कुमार सोनी जी, डॉ सुरंगमा जी,विभा रश्मि जी हृदय तल से आप सबका आभार ।सुदर्शन रत्नाकर

Anita Lalit (अनिता ललित ) ने कहा…

बहुत सुंदर भावमय करते हुए माहिया आदरणीया सुदर्शन दीदी जी!

~सादर
अनिता ललित

Anita Lalit (अनिता ललित ) ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
surbhidagar001@gmail.com ने कहा…

बहुत ही सुन्दर, हार्दिक बधाई आपको।

बेनामी ने कहा…

अनिता, सुरभि डागर जी प्बरतिक्हुर देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।

बेनामी ने कहा…

प्रतिक्रिया देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद ।सुदर्शन रत्नाकर

Krishna ने कहा…

बहुत सुन्दर माहिया... हार्दिक बधाई आपको।

Sushila Sheel Rana ने कहा…

आदरणीय सुदर्शन दी का भावपक्ष मन मोहता है। सरल, सहज भाषा में मनभावना माहिया के लिए उन्हें बहुत-बहुत बधाई 💐💐

डॉ. जेन्नी शबनम ने कहा…

मौसम के अनुकूल बहुत सुन्दर-सुन्दर माहिया। बधाई रत्नाकर दीदी