4-पूनम सैनी
1-रोशन मुझसे घर है
1
तुम चाँद चकोरी हो।
जगमग जगती हो,
चंदा- सी गोरी हो।
2
सच देखो ये गर है-
बिल बिजली का दो,
रोशन मुझसे घर है।
3
झाँझर घड़वादो ना;
कितनी कोरी है,
चूनर रँगवादो ना।
4
क्या नाच दिखाओगी?
पागल पहले हो,
जोकर बन जाओगी।
-0-
2-हर सीमा कहती है-
1
जननी है वीरों की
भारत की धरती
माता रणधीरों की
2
पावन ये धरती है
प्रेम -भरी देखो
मन हर्षित करती है।
3
पैरों में छाले हैं
सरहद के फिर भी
सैनिक रखवाले हैं।
4
हर सीमा कहती है-
रग में वीरों की
ज्वाला ही बहती है
5
वीरों का क्या कहना 1
डोरी फाँसी की
इनका प्यारा गहना।
-0-
16 टिप्पणियां:
बहुत सुंदर रचनाऐं.. आपको बधाई पूनम जी!
हार्दिक बधाई, सुन्दर सृजन। पूनम लिखती रहो।
सभी माहिया बहुत ख़ूबसूरत!
हार्दिक बधाई पूनम जी!
~सादर
अनिता ललित
आप सभी का बहुत बहुत शुक्रिया इस प्यार के लिए।🙏
सभी माहिया बहुत सुंदर।हार्दिक बधाई पूनम ।
सभी माहिया बहुत ख़ूबसूरत ....
हार्दिक बधाई पूनम जी !
सभी माहिया बहुत ख़ूबसूरत ....
हार्दिक बधाई पूनम जी !
सभी रचनाएँ बहुत सुन्दर ।बधाई आपको ।
पूनम जी हार्दिक बधाई सभी माहिया बढ़िया सृजन हैं |
शुक्रिया।🙏🙂
सुन्दर माहिया के लिए पूनम जी को बहुत बधाई.
बहुत ख़ूबसूरत माहिया...हार्दिक बधाई पूनम जी।
बहुत मीठे माहिया बधाई पूनम जी ।
सुन्दर माहिया के लिए बधाई पूनम जी को
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