प्रांत:काल जब सूरज उगता है तो उसकी लालिमा सारी सृष्टि को भी लालिमा
से भर देती है। प्रकृति मुस्कुरा उठती है। एक नए दिन का आरंभ मुस्कान
से होता है। सागर
जब मुस्कुराता है तो उसकी लहरें लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करती है ।
लोगों में आशा का संचार करती
है। कलियाँ
मुस्कुराती हुई खिलती है। अपनी
सुंदरता से लोगों को आकर्षित करती है। सोचो,
न खिलें तो क्या हो। सुंदरता
उनके भीतर ही रह जाएगी । न तितलियाँ
आएँगी, न भँवरें मँडराएँगे। बिन खिले ही मुरझा जाएँगी । वह जीवन किस काम का, जो
दुनिया को अपना कुछ दे न सके। हम किसी को धन-दौलत नहीं दे सकते,
पर ख़ुशी तो दे सकते हैं और ऐसी ख़ुशी , जिसके लिए आप कुछ खर्च नहीं करते। लेकिन आपकी एक मुस्कान
किसी दूसरे को प्रसन्नता दे सकती है। उसमें आशा की ज्योति जला सकती है। इसलिए
अपनी मुस्काने बाँटते रहो। आज के
तनावपूर्ण जीवन में जहां फ़ुर्सत के क्षण भी कठिनाई से मिलते है, वहाँ आपकी मुस्कुराहट
आपके तनाव को तो दूर करेगी ही ,देखने वाले को भी राहत देगी।
अपनी मुस्काने बाँटते रहो, दूसरों की सहेजते रहो। कहने का भाव है ख़ुशियाँ
बाँटते रहो और ख़ुशियाँ बटोरते भी रहो। हमारी
छोटी -छोटी बातें, छोटे छोटे हाव-भाव दूसरों को ख़ुशी दे सकते हैं। मुस्कुराहट उसमें से एक
है।
मुस्कान ऐसा आभूषण है जो
हमारी सुंदरता में चार चाँद लगा देता है। चेहरा खिल जाता है और वह मीठी मुस्कान देखने
वाले को अपनी ओर खींचती है आकर्षित करती है। हींग लगे न फिटकिरी, रंग भी चोखा होए। जीवन की नीरसता से बचना
है तो सदा मुस्कुराते रहिए और ख़ुशियाँ बिखेरते
रहिए।
एक मुस्कान
भर देती जीवन
ख़ुशियों संग।
-0-
2-रमेश कुमार सोनी
1
शोख अदाएँ
तितली ठुमकती
गोदभराई
कलियाँ शर्माती हैं
माली की बाँछें खिलीं ।
2
भारी हैं- पाँव
फूलों-तितलियों के
खबरें उड़ीं
सौंदर्य बिखरा है
लोग बलैयां लेते ।
3
निगल जाती
भूख की लंबी जीभ
सारी हेकड़ी
क्या-क्या नहीं कराती?
क्या-क्या नहीं दिखाती?
4
भोर की हवा
दूब में ओस छींट
नींद भगाए
गुदगुदाके भागे
जागे,भूख सताए ।
5
चेहरों पर
पता नहीं चस्पाँ है !
शहरी भीड़
बेनाम हैं चेहरे
पहचान ढूँढते ।
6
स्वाद चखते
धूप,मिट्टी, हवा का
पौधे झूमते
प्रकृति अन्नपूर्णा
भूख मिटाती सदा ।
7
सत्य अकेला
खड़ा रहा निडर
झूठ की बाढ़
बहा ले जाती सदा
गाँव संग साहस ।
-0-
पता- रमेश कुमार सोनी
एल आई जी -24 कबीर नगर , फेज-2, रायपुर ( छत्तीसगढ़ )-492099
संपर्क -7049355476
17 टिप्पणियां:
सुन्दर सृजन
विविध भावों से सज्जित बहुत सुंदर ताँका। बधाई
सुदर्शन रत्नाकर जी का बहुत सुन्दर हाइबन ।रमेश कुमार सोनी जी की विविध भावों से ओतप्रोत सुन्दर रचनाएँ । बधाई आपको ।
बहुत ख़ूबसरत और प्यारा भाव लिए हुए हाइबन! आदरणीया सुदर्शन दीदी , बहुत-बहुत बधाई इस सुंदर सृजन के लिए!
आ. रमेश जी, विविध भाव लिए हुए सुंदर ताँका! बहुत बधाई आपको!
~सादर
अनिता ललित
अति सुन्दर रचनाये
सुदर्शन जी का सकारात्मक की सुंदरता का संदेश देता हाइबन पढ़ अच्छा हुआ मन, सच आज के समय यह टॉनिक कितना जरूरी है।
निगल जाती
भूख की लंबी जीभ
सारी हेकड़ी
कटु सत्य जीवन का
रमेश कुमार सोनी जी के
सभी ताँका अर्थपूर्ण, सहज सृजन, बधाई
मुस्कान बिखेरता हाइबन ....सुंदर सृजन के लिए सुदर्शन जी को हार्दिक शुभकामनाएँ
विविध भावों को लिए सभी ताँका सुंदर....रमेश जी को हार्दिक बधाइयाँ
जीवन को हर हाल में मुस्कराने की प्रेरणा देता हाइबन।
हार्दिक बधाई स्वीकारें आदरणीया।
विविध भावों से भरे सुंदर ताँका
आदरणीय रमेश जी को हार्दिक शुभकामनाएँ।
सादर।
जीवन को हर हाल में मुस्कराने की प्रेरणा देता हाइबन।
हार्दिक बधाई स्वीकारें आदरणीया।
विविध भावों से भरे सुंदर ताँका
आदरणीय रमेश जी को हार्दिक शुभकामनाएँ।
सादर।
बेहद सुंदर हाइबन, बधाई स्वीकारें सुदर्शन दी।
आदरणीय सोनी जी को भी सुंदर सर्जन हेतु बधाई!
मेरे ताँका प्रकाशित करने के लिए-धन्यवाद । आप सभी ने इसे पसंद किया इस हेतु -आभार ।
सुदर्शन रत्नाकर जी का हाइबन , भोर और मुस्कान का सुंदर चित्रण है - बधाई ।
उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए ह्रदय तल से आप सब का आभार।
आदरणीया सुदर्शन दीदी,बहुत मनभावन है आपका हाइबन! पाठक के मन में उजली आशा का संचार करता है.. आपको हृदय से बधाई!
आदरणीय रमेश सोनी जी,आपके सभी ताँका सुन्दर व अर्थपूर्ण हैं।आपको हार्दिक बधाई!
वाह!
अर्थपूर्ण सुंदर रचना।
सुदर्शन जी के हाइबन ने ताज़गी भर दी ।बधाई । रमेश सोनी जी के ताँका बहुत खूबसूरत ।दोनों रचनाकारों को हार्दिक बधाई 💐💐
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