1-भीकम सिंह
1
तंग गली में
सूनापन बिखेरे
गुलमोहर
खामोशी से देखता
प्रिय की दोपहर ।
2
खुशी के नग्मे
छेड़े गुलमोहर
आठों पहर
लेकिन पसन्द है
केवल दोपहर ।
3
थके दिन को
बिदाई देता सूर्य
ढली - सी शाम
गुलमोहर खोले
लाल फूलों के जाम ।
4
लेकर खड़े
प्रेम का परचम
गुलमोहर
मलंगों में चर्चा है
शहरों में है शोर ।
5
गुलमोहर
प्रेमी का ज्यों जीवन
धूप पे मरा
रचता गीत नये
पुष्पों में पिरा-पिरा ।
6
पहनें खड़ा
राजसी आभूषण
गुलमोहर
प्रेम-व्रेम में पड़ा
ढूँढे आशिक बड़ा ।
7
गुलमोहर
बंद मुट्ठी के जैसा
धूप को ताने
अंगारों - से फूल ले
खड़ा वैर निभाने ।
8
गुलमोहर
अनुराग से भरा
रस्तों में खड़ा
वसंत का समय
जैसे दिया हो बढ़ा ।
9
पके पुष्पों से
होते गुलमोहर
ज्यों ओत -प्रोत
मधुमक्खियाँ ढूँढे
मकरंद के स्रोत
10
अब ना रही
गुलमोहर तले
बिछली घास
आँखों में उम्मीद की
मेघ जगाए आस।
-0-
2-सुख जैसे सपना
रश्मि विभा त्रिपाठी
सबके लिए
हम जितना मरे
वे सब मिले
बस बिष से भरे
यही जीवन
यही भाग्य अपना
अपने लिए
सुख जैसे सपना
भटकें हम
रोज बीहड़ बन
कोई नहीं अपना।
-0-
13 टिप्पणियां:
वाह••रश्मि जी ! बहुत ही खूबसूरत चोका, हार्दिक शुभकामनाएँ ।
मेरे ताँका प्रकाशित करने के लिए सम्पादक द्वय का हार्दिक धन्यवाद और आभार ।
आदरणीय भीकम सिंह के उत्कृष्ट ताँका। हार्दिक बधाई 💐🌷
मेरा चोका पसन्द करने हेतु हार्दिक आभार।
सादर
मेरा चोका प्रकाशित करने हेतु आदरणीय सम्पादक द्वय का हार्दिक आभार।
सादर
बहुत ही उत्कृष्ट ताँका एवं चोका। आपको हार्दिक बधाई।
अत्यंत सुंदर.. उत्कृष्ट सृजन... 👌👌🌹🙏आप दोनों प्रबुद्ध रचनाकारों को हार्दिक बधाई 🌹🌹🌹🌹💐💐💐💐
रश्मि विभा त्रिपाठी जी को सुंदर चोका हेतु बधाई।भीकम सिंह जी को बेहतरीन ताँका हेतु बधाई।
ढली-सी शाम, गुलमोहर खोले, लाल फूलों के जाम, बगत सुंदर, बधाई भीकम सिंह जी
रश्मि जी को सुंदर चोका रचने के लिए हार्दिक बधाई!
बेहतरीन ताँका एवं चोका के लिए भीकम सिंह जी एवं रश्मि विभा जी को बहुत बहुत बधाई। सुदर्शन रत्नाकर
रश्मि विभा जी के चोका और भीकम सिंह जी के ताँका लाजवाब रहे । आप दोनों को बहुत बधाई।
बेहतरीन सृजन हेतु आप दोनों को बहुत बहुत बधाई।
आप दोनों का सर्जन बहुत सुन्दर। आप दोनों को हार्दिक बधाई।
सुंदर ताँका एवं बेहतरीन चोका के लिए भीकम जी और रश्मि जी को हार्दिक बधाई
आदरणीय भीकम जी और प्रिय रश्मि को सुन्दर तांका एवं चोका के लिए बहुत बधाई
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