रविवार, 16 अप्रैल 2023

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 अंजु दुआ जैमिनी

1

कलम जगी

सैर पर निकली

भाव समेटे

कागज़ को चूमती

कविता उग आई।


2

नाचती नदी

झूमते पेड़- पौधे

गाता सागर

आदमी आ धमका

जेबों में भर गया।

3

बीमारी घेरे

अपने भी पराए

स्याह सवेरे

सेहत की दौलत

बचाकर रखना।

4

बेटियाँ आईं

माँ की सालगिरह

ममता भीगी

बचपन की बातें

कोने- कोने से झाँकें।

5

बादल- बाहें

बारिश जो फिसली

मोर मुस्काया

सूरज धुंधलाया

खेत खिलखिलाया।

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19 टिप्‍पणियां:

anju dua gemini ने कहा…

बहुत बहुत धन्यवाद आपका मेरी रचनाओं को पत्रिका में स्थान देने के लिए। ह्र्दयतल से आभार

बेनामी ने कहा…

अति सुन्दर👏👏👏

बेनामी ने कहा…

बहुत अच्छे ताँका-बधाई। आपसे एक पृथक ताँका संग्रह की अपेक्षा है-आपमें संभावनाएँ हैं।

preeti misra ने कहा…

शानदार रचना बधाई आपको

बेनामी ने कहा…

धन्यवाद प्रिय

बेनामी ने कहा…

Proud of you 💕Dear Anju

anju dua gemini ने कहा…

धन्यवाद आपका

Gurjar Kapil Bainsla ने कहा…

आपका त्रिवेणी के मंच पर हार्दिक स्वागत है।
आपकी सुंदर रचनाओं की प्रतिक्षा रहेगी।

बेनामी ने कहा…

शानदार ताँका

बेनामी ने कहा…

बहुत सुंदर प्रिय अंजु

डॉ बबिता गर्ग सहर ने कहा…

बहुत सुंदर

बेनामी ने कहा…

सुंदर प्रयास है अंजु जी का । हार्दिक बधाई। स्वागत है आपका।सविता अग्रवाल “सवि”

Anita Lalit (अनिता ललित ) ने कहा…

सुंदर ताँका!

~सादर
अनिता ललित

Krishna ने कहा…

बेहतरीन ताँका...हार्दिक बधाई अंजु जी।

Archana rai ने कहा…

बहुत बढ़िया

प्रियंका गुप्ता ने कहा…

अंजू जी का त्रिवेणी परिवार में हार्दिक स्वागत है | अपने सशक्त तांका के माध्यम से आप निसंदेह पाठकों के दिल में जगह बनाएँगी...मेरी बहुत बधाई

anju dua gemini ने कहा…

सभी का आभार। आपकी शुभकामनाएं मेरे जीने का सम्बल है।

anju dua gemini ने कहा…

जी बहुत बहुत धन्यवाद

anju dua gemini ने कहा…

आपकी आज्ञा शिरोधार्य। कार्य प्रगति पथ पर है