डॉ. सुरंगमा यादव
1
बातों से बात बने
बात नहीं होगी
कैसे फिर बात बने?
2
शिकवा
क्या करना है
नौका
पास नहीं
तिनका ले तरना है।
3
बेटी ने जन्म लिया
घोर उदासी ने
स्वागत था खूब किया।
4
सूरज भी निकलेगा
अँधियारा कब तक
यूँ उसको निगलेगा।
5
दुनिया अनजानी है
झरना पर्वत की
आँखों का पानी
है।
6
जीवन की लीला है
मंजिल दूर बड़ी
रस्ता पथरीला
है।
17 टिप्पणियां:
दुनिया अनजानी है
झरना पर्वत की
आँखों का पानी है।
बहुत ही सुंदर कल्पना।
बेटी का जन्म अभी भी समाज में उदासी का सबब है। सही कहा।
बधाई सुरँगमा जी
वाह, वाह... बहुत सुन्दर माहिया रचे हैं, हार्दिक शुभकामनाएँ।
- भीकम सिंह
झरना पर्वत 'का' कर लें अच्छे माहिया हैं...
बहुत सुंदर -पुष्पा मेहरा
बहुत सुंदर माहिया।
हार्दिक बधाई दीदी
बहुत सुंदर माहिया। हार्दिक बधाई।सुदर्शन रत्नाकर
बहुत सुंदर माहिया सुरंगमा जी!!
सभी माहिया सुन्दर और प्रभावी हैं। तीसरा माहिया बहुत मार्मिक। बधाई डॉ. सुरंगमा जी
निराशा में आशा का संचार करते हैं बहुत सुंदर माहिया। बधाई डॉक्टर सुरंगमा 💐
आप सभी का हृदयतल से बहुत-बहुत आभार।
बहुत सुंदर एवं भावपूर्ण माहिया आ. सुरंगमा जी!
~सादर
अनिता ललित
बहुत सुंदर माहिया... बहुत बधाई सुरंगमा जी
वाह!
बहुत सुन्दर... 👏👏
बहुत खूब लिखा है । सुंदर माहिया हैं हार्दिक बधाई सुरंगमा जी । सविता अग्रवाल “सवि”
बहुत ही सुन्दर माहिया... 👏👏
अरे वाह , बहुत ही सुन्दर।
वाह! बहुत सुन्दर माहिया। हार्दिक बधाई सुरंगमा जी
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