गुरुवार, 19 मई 2016

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                            डोर

सीमा स्‍मृति 

हम  इस हाऊसिंग  सोसाइटी नये  नये  आये थे । गेट  मैन  को बोला  कि वह कोई कामवाली बाई  भेज दे।  गेट मैन ने इक दुबली पतली चालिस पैंतालिस साल की एक औरत  को भेज दिया। मन में प्रश्‍नों की सुईयाँ टिक –टिक करने  लगी । पता नहीं कैसी होगी .......? देखने  में साफ सुथरी तो लग रही है। ऊफ!! बातें बहुत करती है……..देखो काम कैसा करती है ? एक बार मेरी सहेली कह रही थी कि मेरे प्रश्‍नों से तो राव  सिक्रेट एजेंसी वालों  को भी अपनी कार्यशैली की चेक लिस्‍ट बना लेनी चाहिए  । नजर रखनी पडेगी.......शक्‍ल से कुछ ज्‍यादा स्‍पष्‍टता नहीं है .........कहीं  चोर ही ना हो.......................????
 यशोदा यही नाम है  हमारी कामवाली का, उसे हमारे घर में काम करते करते छह महीने हो गये। हमारी वकिंग लेडीज की भाषा में कहूँ तो मुझे लगा कि वो धीरे-धीरे वो सैट सी होने लगी। अब उसे और उसे अधिक  सेट करने की खातिर,मैं अपनी  क्रिएटिव सोच के घोड़े दौड़ाने लगी............मैं अक्‍सर घर का आलतु-फ़ालतू सामान उसे देने लगी ।एक दिन शाम को  मैंने उसे अपना एक पुराना पर्स जिसकी चेन खराब हो गई थी,उसे  दे दिया।  अगले दिन यशोदा  सुबह जल्‍दी आ गई । उसके हाथ में कल शाम को उसको दिया हुआ पर्स भी था।
क्‍या यशोदा आज इतनी  जल्दी आ गई?’’
हाँ, दीदी मुझे तो रात भर नींद नहीं आई।
क्‍या हुआ…………?
दीदी ,देखो ना जो आप ने ये जो पर्स दिया था। उसकी जेब फटी हुई थी और जब मैंने इस में हाथ डाला तो  इस में तीन सौ रुपये और ये दो दो के चार सिक्‍के निकले हैं।यशोदा ने रुपये  और सिक्‍के मेरी और बढ़ाते हुए कहा।
यशोदा को काम पर रखते समय मेरे मन में आये वो  सारे प्रश्‍न मुझे आज साँपों से डस रहे थे ।खुद के फेस रीडर होने के दावे के बदले लगा कि काश आना देख लिया होता।  उस दिन के बात जो यशो यशोदा के साथ जो डोर बंधी,आज सोलह वर्ष हो गए। उसकी बेटी,दोनों बेटे, बहू  आज तक हमारे घर में काम करते हैं । बस यही लगा आज कि ...............
विश्‍वास -डोर
मनके मोती  पिरो

मन को जोड़।

7 टिप्‍पणियां:

Sudershan Ratnakar ने कहा…

प्राय: किसी ग़रीब को काम पर रखते हुए ऐसा ही सोचते हैं । उनके लिए अपने प्रति विश्वास बनाना कठिन होता लेकिन ईमानदारी से सब सम्भव हो जाता है। सुंदर हाइबन सीमाजी।

Manju Gupta ने कहा…

सुंदर हाइबन को गढ़ता ईमानदारी की मिसाल बनी कामवाली नौकरानी .
बधाई सीमा

सविता अग्रवाल 'सवि' ने कहा…

ईमानदार कामवाली ने रचवाया सुन्दर हाइबन सीमा जी हार्दिक बधाई ।

Dr.Bhawna Kunwar ने कहा…

bahut sundar ...

Jyotsana pradeep ने कहा…

सुन्दर हाइबन सीमा जी हार्दिक बधाई ।

ज्योति-कलश ने कहा…

मनभावन प्रस्तुति ! बधाई सीमा जी !!

प्रियंका गुप्ता ने कहा…

हम सभी के साथ यही होता है | जाने क्यों अनजाने ही अपने से निचले स्तर के लोग हमारे शक़ के दायरे में रहते हैं, और जब कभी इसके विपरीत होता है तो ऐसे ही ग्लानि होती है |
बहुत अच्छा हाइबन...मेरी बधाई...|