जीवन के प्रसंग
डॉ श्याम सुन्दर ‘दीप्ति’
1
राजा बेटा है
माँ के लिए ठीक है
ये मत सोच
बड़ा हो गया है तू
माँ पे राज करेगा।
2
सीखता है क्यों
बदलने के रंग
मौसम से तू
सीख सके तो सीख
जीवन के प्रसंग ।
3
रिश्ता क्या था वो
अजीब हलचल
रख दी जैसे
ये ज़िन्दगी बदल
साथ जो हर पल।
4
कुदरत का
ज़र्रा-ज़र्रा सिखाए
ये समझाए-
मिलकर रहना
सब कुछ सहना ।
5
तेरा स्वभाव,
मौसम बदलना
एक नहीं है
मानव है ये जान
आगे बढ़ना काम
-0-
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें