3- ज्योतिर्मयी पन्त
1
गौरैया आती
चुगे दाना अँगना
दिखे न अब
कंक्रीट के जंगल
ढूँढे कहाँ ठिकाना ?
2
चुगे दाना अँगना
दिखे न अब
कंक्रीट के जंगल
ढूँढे कहाँ ठिकाना ?
2
कटते वन
नीड़ खोजते पाखी
हो बेसहारा
आती बाढ़ सुनामी
असहाय हों जन
3
नीड़ खोजते पाखी
हो बेसहारा
आती बाढ़ सुनामी
असहाय हों जन
3
हालात सदा
बुनें मकड़जाल
दिखें सुन्दर
जाने कहाँ फँसादें
प्रगति- रथ रोकें ।
-0-
बुनें मकड़जाल
दिखें सुन्दर
जाने कहाँ फँसादें
प्रगति- रथ रोकें ।
-0-
2 टिप्पणियां:
सचमुच ..गौरैया प्यारी तो लुप्त हो गयी है कहीं ..
kalamdaan.blogspot.in
paryavaran pr khoob likha hai sahi kaha ye kankrit ke jangal hai ab pdon ke jangal lupt ho gaye hain
rachana
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