ताँका-चोका- सेदोका -माहिया-हाइबन
पहला तांका तो बहुत ही खूबसूरत लगा! सुंदर प्रस्तुति के लिए बधाई डॉ ज्योत्स्ना शर्मा !
ईश्वर हो या प्रियतम उससे बड़ा रंगरेज कौन... बहुत मोहक...रंगरेज़ रेज़रा मेरी तो सुनोसबको रंगोअपने ही रंग मेंतुम मुझमें रंगो ।शुभकामनाएँ.
सागर तुम उसमें प्रीत थोडी़ मेरी मिलाओ चलो इस धरा को धुमय बनाओ ।बहुत सुन्दर। कृष्णा वर्मा
बहुत सुन्दर...
आप सभी का हृदय से आभार !
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5 टिप्पणियां:
पहला तांका तो बहुत ही खूबसूरत लगा! सुंदर प्रस्तुति के लिए बधाई डॉ ज्योत्स्ना शर्मा !
ईश्वर हो या प्रियतम उससे बड़ा रंगरेज कौन... बहुत मोहक...
रंगरेज़ रे
ज़रा मेरी तो सुनो
सबको रंगो
अपने ही रंग में
तुम मुझमें रंगो ।
शुभकामनाएँ.
सागर तुम
उसमें प्रीत थोडी़
मेरी मिलाओ
चलो इस धरा को
धुमय बनाओ ।
बहुत सुन्दर।
कृष्णा वर्मा
बहुत सुन्दर...
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