सोमवार, 9 जून 2014

नन्ही अँजुरी



हाइबन
 : डॉ. ज्योत्स्ना शर्मा

हड़बड़ी में बिट्टू की आवाज़ सुनाई दी  ,माँ ...जल्दी से एक चादर दीजिए और कहते-कहते अपने दोस्तों की टोली के साथ दरवाज़े पर आकर खड़ा हो गया । क्या हुआ’- कहती घबरा कर मैं वहाँ पहुँची और दरवाज़ा खोलते ही हैरान -परेशान बच्चों को देखा ।अरे जल्दी लाइए माँ !हाथ में एक लंबा बाँस ..उस पर बँधा एक छोटा- सा चाकू ..और इतनी जल्दी ??? नहीं ...पहले बताओ ..क्या हुआ है ??? यह सब लेकर कहाँ जा रहे हो ???माँ ...ऊपर पतंग के धागे में कबूतर की टाँग  फँसी है ,नहीं निकल पा रहा है .हमने नहीं निकाला तो मर जाएगा न ..ऐसे ही ...रोनी सूरत से एक साँस में कह गया बिट्टू ।ओह ...मेरी साँस में साँस आई । चादर मेरे हाथ से छीनी और भाग गए सारे । अरे कहीं गिर न जाना ,ज़रा  सँभाल कर ,कोई साथ में बड़ा है या नहीं ....कहते कहते मैंने भी गैस का चूल्हा बंद किया ।घर की चाबी और मोबाइल उठाए, बाहर आकर दरवाज़ा लॉक किया और लिफ्ट का बटन दबा दिया ।अब पाँच माले चढ़कर जाना तो मेरे बस में नहीं था । खैर...कहाँ हो तुम लोग आवाज़- लगाती मैं जब तक छत पर पहुँची ...तब तक नन्हा अभय भागा भागा मेरे पास आया और मुझे छत के कोने में बैठे कबूतर के पास ले गया । देखिए आंटी ..हमने उसे बचा लिया । धुकुर-पुकुर साँस लेता कबूतर चकित- सा सब ओर देख रहा था और बच्चे गर्व- मिश्रित प्रसन्नता से कभी मुझे और कभी कबूतर को देख रहे थे ....उनके मुख का असीम आनन्द  मुझे बेहद आश्वस्त कर गया ......


नन्ही अँजुरी
रस से भरी अभी
रीते न कभी ।

-0-
hits for this post = 31

13 टिप्‍पणियां:

Anita Lalit (अनिता ललित ) ने कहा…

बहुत-बहुत सुन्दर हाइबन !
सच में! इस आनंद की तुलना कहीं नहीं ...

~सस्नेह
अनिता ललित

ऋता शेखर 'मधु' ने कहा…

Bhavpurn haiban..jyotsna ji ko bahut bahut badhai !!

ज्योति-कलश ने कहा…

मेरे प्रयास पर स्नेह भरे प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत आभार अनिता जी एवं ऋता जी ...

हृदय से धन्यवाद के साथ ..
ज्योत्स्ना शर्मा

Krishna ने कहा…

बहुत सुन्दर भावात्मक हाइबन ज्योत्स्ना जी.... बहुत-२ बधाई !

Dr.Anita Kapoor ने कहा…

सुंदर और भावपूर्ण हाइबन

बधाई

Jyotsana pradeep ने कहा…

ye ras se bhari anjuri kabhi na reete....aur jyotsna ji ....aapki lekhni ka ras bhi ....yu chalak kar bhaavpurn sandes pahuchata rahe...bahut khoobsurat v bhavpurn haiban ..

Rachana ने कहा…

bachchon ke sahas aur aapke haiku ke liye badhai
sunder likha hai .
in masum on ko bhera pyar
rachana

sushila ने कहा…

बहुत सुन्दर हाइबन और हाइकु सोने पर सुहागा। यह करूणा और संवेदना जीवन को सदा सींचती रहे !
बधाई डॉ. ज्योत्स्ना शर्मा

Dr. Sudha Gupta ने कहा…

नन्ही अँजुरी( हाइबन) –डॉ ज्योत्स्ना शर्मा
एक वत्सल मातृ-हॠदय की चिन्ताओं और बच्चों की सतत देख-रेख का मनोहारी बर्णन । हाइबन की सबसे बड़ी विशेषता है कि भावी(अगली) पीढ़ी की मानवीय संवेदनाओं और करुणा के प्रति गहरी आश्वस्ति: कि जीव मात्र के प्रति करुणा-भाव बना रहे—के प्रति विश्वास जगाता है। हाइबनकार को बधाई !
डॉ०सुधा गुप्ता

ज्योति-कलश ने कहा…

सादर नमन आदरणीया सुधा दीदी ,

आपके मार्ग दर्शन में जिस पथ पर चलना सीखा है वहां आपके आशीर्वचन नई ऊर्जा देते हैं .इस अनवरत यात्रा के लिए |

सदा आपके स्नेह और आशीर्वाद की कामना के साथ ..

ज्योत्स्ना शर्मा

ज्योति-कलश ने कहा…

आदरणीया कृष्णा जी ,डॉ. अनिता कपूर जी , ज्योत्स्ना प्रदीप जी ,रचना जी एवं सुशीला जी के प्रति भी हृदय से धन्यवाद व्यक्त करती हूँ |

आपके इस स्नेह भाव की कामना के साथ
ज्योत्स्ना शर्मा

प्रियंका गुप्ता ने कहा…

ऐसी मासूमियत सदा बरकरार रहे...| बहुत प्यारा हाइबन है...बधाई...|

ज्योति-कलश ने कहा…

बहुत आभार प्रियंका जी !