सपना मांगलिक
1
या मौत को फिर मैं
गले लगा लूँ
जालिम है दुनिया
मैं सर क्यों झुका लूँ !
2
दिल रोशन
बस तुम्हें देखके
होता साजन,
तू जो नहीं तो दीये
बुझे बिन कारण ।
3
रात होती है
कहाँ उसमें वैसी
बात होती है ,
नीदों में न ख्वाबों में
मुलाकात होती है ।
4
ख्वाब ये तेरा
था कल तक मेरा
हुआ सवेरा
टूटे सब सपने
छाया घोर अँधेरा ।
5
घुटा -घुटा -सा
कुछ है मन में जो
दबा –दबा- सा
घर जहाँ ख्वाबों का
वो नगर जला है ।
6
इश्क- गुबार
आए कैसे करार
है इन्तजार
वो दिखे तो बहार
मिले जी को करार ।
7
सिन्धु गहरा
मौज उसकी मैं ,वो
साहिल मेरा
मिलने जाऊँ कैसे
है तूफानों का डेरा।
8
वो कैसा होगा
सपनों -जैसा होगा
जो मेरा होगा
घूमेगा इर्द- गिर्द
कोई भँवरा होगा
9
यही जुस्तजू
हो तू मेरे रूबरू
हुआ सुर्खरू
इसी अदा ने लूटा
है दिल में बस तू ।
10
गुनाहगार
कहूँ या कहूँ तुझे
असरदार
है रकीब तो क्यूँ ये
दिल तलबगार ।
11
प्यार या रार
जीतता सदा ही वो
मैं जाती हार
मेरी हार उसको
प्यार का उपहार ।
12
जब तू मिला
सच दिल का मेरे
चमन खिला
हुई खता बोलो क्या
रूठे तुम क्यूँ भला ।
-0-
मोबाइल – 9548509508
7 टिप्पणियां:
रात होती है
कहाँ उसमें वैसी
बात होती है ,
नीदों में न ख्वाबों में
मुलाकात होती है ।
Dard ko bakhubi vuakt karti rachna bahut abhut badhai achhe lekhn ke liye...
बेहद ख़ूबसूरत ताँका !
सभी एक से बढ़कर एक ...हार्दिक बधाई !
वाह! सभी ताँका एक से बढ़कर एक! किसी एक को अच्छा बताना मुश्किल है...
पढ़कर मज़ा आ गया -कुछ नई बात तो है ! बहुत ख़ूबसूरत सपना मांगलिक जी !
~सादर
अनिता ललित
खूबसूरत सपने से मनभावन तांका | प्रकृति एवं अनुभूति का सुन्दर सम्मिश्रण | बधाई सपना जी |
प्यार या रार
जीतता सदा ही वो
मैं जाती हार
मेरी हार उसको
प्यार का उपहार ।
kya hi sunder uphar hai haar ki jeet ka
sunder
rachana
behad khoobsurat sapna ji .badhai .
ख्वाब ये तेरा
था कल तक मेरा
हुआ सवेरा
टूटे सब सपने
छाया घोर अँधेरा ।
बहुत सुन्दर...| हार्दिक बधाई...|
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