माहिया -ज्योत्स्ना शर्मा
1
दर्पण से धूल
हटा
झलक उठे मन
में
मोहन की मधुर
छटा ।
2
जादूगर कैसे हो
जादूगर कैसे हो
जो जिस भाव
भजे
उसको तुम वैसे
हो ।
3
इक राह दिखाई
है
मीत सुदामा के
क्या रीत
निभाई है।
4
दाऊ के भैया
ने
सबको त्राण
दिया
उस नाग-नथैया
ने ।
-0-
सेदोका-पुष्पा मेहरा
1
रात अँधेरी
दिन भी सहमे थे
वास था अधर्म का,
ले धर्म-ध्वजा
तोड़ सारी बंदिशें
अवतरे कन्हैया |
2
धारा था प्रेम
मन में, उठाया था
चक्र निज कर में,
रास - रचैया
हारे न संघर्षों से
धर्म-युद्ध वे लड़े ।
3
छूके अधर
सात स्वरों से बजी,
रस उँडेल
हर गयी वो पीर
बरसा गयी शांति ।
4
कर्म-पथ है
मुख न मोड़ें कभी
निष्काम कर्म करें,
कन्हैया प्यारा
झोली पुरुषार्थ की
भरेगा मणियों से ।
-0-
-
-
12 टिप्पणियां:
बेहद सुन्दर माहिया और सेदोका....ज्योत्स्ना जी, पुष्पा मेहरा जी जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई!
बहुत-बहुत आभार कृष्णा दी सादर नमन !
कृष्ण चरित पर सुन्दर सेदोका पुष्पा दी बहुत-बहुत बधाई !सादर नमन !
jyotsna ji, pushpa ji ..bade hi pyare mahiya v sedoka hain...krishnjanmotsav ki bahut bahut badhai...
ज्योत्सना जी और पुष्पा जी आप दोनो को मोहक माहिया और सदोका की रचना के लिए बधाई और कृष्णजन्माष्टमी की शुभकामनाएं |
jyotsna ji bahut pyare mahiya hain.vastav mein prabhu ko jo jis bhi roop mein bhajata hai vo use usi roop mein pata hai.apako badhai.
mere sedoka ko sthan dene hetu sampadak dway ka abhar.nivedan hai ki no. 3 sedoka is prakar padhen :
chhuu ke adhar
ba.nsii huii madhur
saat swaron se bajii,
ras -u.NDel
har gayii vo peer
barasaa gayii shaa.nti| | pushpa mehra. mehra.
Beautiful mahia and sadoka
krishnmay utkrisht rchnaaen
aap donon ko nmn
Mohan ki chhata bahut khili bahut bahut badhai...
हृदय से आभार आप सभी का !
सादर
ज्योत्स्ना शर्मा
किसी एक विशेष को क्या कहें! सभी माहिया एवं सेदोका बहुत ही सुंदर !
हार्दिक बधाई सखी ज्योत्स्ना जी एवं पुष्पा जी !
~सादर
अनिता ललित
बहुत सुन्दर माहिया और सेदोका...हार्दिक बधाई...|
एक टिप्पणी भेजें