प्रियंका गुप्ता
1
हरसिंगार
झरे मुस्काते हुए
थे इसी वास्ते
खुशबू फैला गए
किसी काम आ गए ।
-0-
2-अनिता
मण्डा
एक पुस्तक
जिसकी ज़िल्द पर
बनी तस्वीर
चाँद-सूरज वाली
रोज बदले
सबक पुस्तक का
नहीं बदले
ऊपर की तस्वीर
सूरज वाली
पर रंग बदले
ये सूरज भी
सोने जैसा चमके
और कभी तो
सियाह रंग का ये
रंग ले लेता
हर किसी की यहाँ
रोज पुरानी
हो जाती ये कहानी
आखिरी पन्ना
छोटी-बड़ी ले शक्लें
रूप बदले
रहता कभी-कभी
नदारद सा
क्या कोई नादाँ बच्चा
इसको फाड़ देता।
-0-
14 टिप्पणियां:
आखिरी पन्ना
छोटी-बड़ी ले शक्लें
रूप बदले
रहता कभी-कभी
नदारद सा
क्या कोई नादाँ बच्चा
इसको फाड़ देता।
बहुत खूबसूरत और गहरी बात कह दी आपने अनीता जी...हार्दिक बधाई...|
मेरे तांका को यहाँ स्थान देने के लिए आदरणीय कम्बोज जी और हरदीप जी का बहुत बहुत आभार...|
आदरणीय संपादक द्वय मेरी रचना को यहाँ स्थान देने हेतु हृदय से आभार।
प्रियंका जी सराहना हेतु आभार।
आपका ताँका बहुत उम्दा है बधाई
bahut sundar rachnaayen!
सभी दिल को छु देने वाली रचनाएं .
सभी को बधाई
jeevan roopi pustak ka chitr khiinchata choka bahut hi sunder hai.satkarm karate hue
ihleela ka samapt ho jana hi shreTh jeevan ki pahchan hai.dono hi rachnayen bahut sunder likhi hain.priyanka ji va anita ji badhai.
pushpa mehra.
दुनिया की किताब को चाँद -सूरज दोनों सजाते हैं और फिर रंग बदलते रहते हैं , बहुत भावप्रबल चोका अनीता जी बधाई आपको |
खुश्बू फैलाता हरसिंगार और सुन्दर शब्दों से सजा तांका बहुत खूब प्रियंका जी | बधाई |
सस्नेह,
शशि पाधा
बदलते रंगों का सुन्दर चित्रण करता भावपूर्ण चोका.....बधाई अनीता जी।
महक भरा बहुत ख़ूबसूरत ताँका....प्रियंका जी बधाई।
कविता को यहाँ स्थान देने के लिए संपादक द्वय का हार्दिक आभार।
सादर
कृष्णा वर्मा
प्रियंका जी,
हार सिंगार
झरे मुस्काते हुए
थे इसी वास्ते
खुशबू फैला गए
किसी काम आ गए | बहुत अच्छी बात कही है |झर कर भी काम आना खुशबू फैलाना | बहुत बढ़िया |ऐसे ही आपकी कलम का जादू चलता रहे |
अनीता जी ,
बनी तस्वीर चाँद सूरज वाली
रोज़ बदले सबक पुस्तक का ......
जीवन की किताब का भी रोज़ एक पन्ना खुलता है हर नए सूरज के साथ |
आपको भी बधाई |
खुशबू फैला गए
किसी काम आ गए ।
Bahut achha laga ye bhav mujhe aapko badhai..
bhavpurn choka baahut bahut badhai...
वाह वाह ..बहुत सुन्दर भावपूर्ण रचनाएँ !
किसी काम आ गए ....और ...जीवन की किताब के पन्ने और कवर ...बहुत -बहुत भा गए !
हार्दिक बधाई आप दोनों को !!
bhavpurn rachnayen kitab ka kya hi sunder likha hai
priyanka aapka tanka bahut sunder hai
badhai aapdono ko
rachana
.bhaavpurn rachnayen !
खुशबू फैला गए
किसी काम आ गए ।
बनी तस्वीर चाँद सूरज वाली
रोज़ बदले सबक पुस्तक का ......
जीवन की किताब का भी रोज़ एक पन्ना खुलता है हर नए सूरज के साथ |
jeevan ki gahri baaton ko behad khoobsurtee se darshati rachnao ke liye hriday se badhai priyanka ji evam anita ji ko .
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