ताँका-चोका- सेदोका -माहिया-हाइबन
बहुत ही उम्दा चोका कविता जी आपकी लेखनी से निकला एक और अद्भुत सृजनहार्दिक बधाई
बहुत सुंदर चोका कविता जी। हार्दिक बधाई
शब्द चयन और भावों का गंथन अति सुन्दर ।सिद्ध लेखनी का कमाल ।हार्दिक बधाई कविता जी ।
कविता "माँ" रचना में एक आवाज़ सुनाई देती है "माँ " की | इसमें स्पष्ट झलकती है माँ की परछाईं | पढ़ते -पढ़ते मेरी भी आँखें भर आयीं क्योंकि आपकी कविता ने ऎसी आवाज़ सुनाई | अत्यंत मार्मिक और ममत्वपूर्ण है | हृदय से बधाई - श्याम हिन्दी चेतना |
हार्दिक आभार आप सभी का। स्नेह बनाये रखिएगा भविष्य में भी।
बहुत सुंदर सृजन। बधाई कविता जी
सुन्दर सृजन की हार्दिक बधाई कविता जी !
बधाई कविताजी नूतन विषय बहुत सुन्दर लिखा है
ओ माँ आद्या प्रकृति वैदिक ॠचाओं का स्मरण कराती है। यह चोका आद्यन्त सरस प्रवाह में अवगाहन कराने में सक्षम है। बहुत बधाई कविता जी ।
sundar!
बहुत प्यारे सृजन की हार्दिक बधाई कविता जी !
हार्दिक आभार आप सभी स्नेहीजन का।
बहुत प्यारा चोका...हार्दिक बधाई...|
एक टिप्पणी भेजें
13 टिप्पणियां:
बहुत ही उम्दा चोका कविता जी
आपकी लेखनी से निकला एक और अद्भुत सृजन
हार्दिक बधाई
बहुत सुंदर चोका कविता जी। हार्दिक बधाई
शब्द चयन और भावों का गंथन अति सुन्दर ।सिद्ध लेखनी का कमाल ।हार्दिक बधाई कविता जी ।
कविता "माँ" रचना में एक आवाज़ सुनाई देती है "माँ " की | इसमें स्पष्ट झलकती है माँ की परछाईं | पढ़ते -पढ़ते मेरी भी आँखें भर आयीं क्योंकि आपकी कविता ने ऎसी आवाज़ सुनाई | अत्यंत मार्मिक और ममत्वपूर्ण है | हृदय से बधाई - श्याम हिन्दी चेतना |
हार्दिक आभार आप सभी का। स्नेह बनाये रखिएगा भविष्य में भी।
बहुत सुंदर सृजन। बधाई कविता जी
सुन्दर सृजन की हार्दिक बधाई कविता जी !
बधाई कविताजी
नूतन विषय
बहुत सुन्दर लिखा है
ओ माँ आद्या प्रकृति वैदिक ॠचाओं का स्मरण कराती है। यह चोका आद्यन्त सरस प्रवाह में अवगाहन कराने में सक्षम है। बहुत बधाई कविता जी ।
sundar!
बहुत प्यारे सृजन की हार्दिक बधाई कविता जी !
हार्दिक आभार आप सभी स्नेहीजन का।
बहुत प्यारा चोका...हार्दिक बधाई...|
एक टिप्पणी भेजें