माहिया (मुलाक़ात)
पूनम सैनी
1
इक बार चले आओ
पूनम सैनी |
मन में बसते हो,
नैनों में बस जाओ।
2
फूलों में रस जैसे
मैं तो बसती हूँ
साँसों में बस ऐसे।
3
बरसात बहाना है
दो पल रुकना है,
वापस
फिर जाना है।
4
ये बात नहीं अच्छी
बस दो ही पल की
बरसात नहीं अच्छी।
5
नज़रें झुक जातीं हैं
जब तुम मिलते हो
साँसें रुक जाती हैं।
6
यूँ आँख चुराओ ना,
हम तुम ग़ैर नहीं,
ऐसे शर्माओं ना।
7
आ पास ज़रा बैठो,
बात बसी दिल में,
आ पास ज़रा कह दो।
8
लब तो ना खोलूँ मैं,
आँखों से समझो,
नैनों से बोलूँ मैं।
-0-
पूनम सैनी
648/2 दयाल सिंह कॉलोनी, नजदीक
अलमारी फैक्ट्री, हाँसी ( हरियाणा)
25 टिप्पणियां:
बहुत सुंदर, बधाई
वाह, सभी माहिये सधे हुए। बधाई।
वाह ,सभी माहिया बहुत सुंदर .....हार्दिक बधाई 🌷🌷🌷👏👏👏👏👏
मीठे-मीठे माहिया!बधाई!
बहुत खूबसूरत
बहुत ही सुंदर माहिया 👌👌
हार्दिक बधाई
सरस् भावों की सरल और सहज अभिव्यक्ति,माधुर्य से परिपूर्ण समस्त माहिया सुन्दर।बधाई पूनम सैनी जी।
बहुत सुंदर माहिया पूनम जी...
बहुत सुंदर
बधाई पूनम जी
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, सेठजी, मनिहारिन और राधा रानी “ , मे आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
बहुत सरस , सुंदर!
हार्दिक बधाई!!
बहुत सुंदर पंक्तिया
बहुत सरस माहिया । बधाई प्रिय पूनम ।
बहुत सुन्दर माहिया पूनम जी. .... हृदय तल से बधाई !
सुंदर अभव्यक्ति।बधाई
सुंदर अभव्यक्ति।बधाई पूनम।
पूनम जी क्या कहने !
माहिया है या प्यार की बतिया ?
बहुत सुन्दर सरस अभिव्यक्ति । बधाई ।
आप सभी के प्यार भरे वचनों के लिए ह्रदय से बहुत बहुत धन्यवाद। ��
बहुत बहुत शुक्रिया। 🙏
बहुत मीठे ,रसीले महिया । बधाई ।
Aapki trha khubsoorat.
Jawab nhi punam ji aapka
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