ताँका-चोका- सेदोका -माहिया-हाइबन
पिछले दस वर्षो के 4 लोकप्रिय अंकों में से एक -कण्ठ है प्यासा आज प्रस्तुत है, जो हरियाणा प्रदीप में भी प्रकाशित है।
बहुत बढ़िया
सार्थक रचना। बधाई।
पर्यावरण के महत्व को रेखांकित करती महत्वपूर्ण रचना।कविता जी को बधाई
वृक्ष लताएँअब खुद ही खोजें अपनी छाँव — कितनी पीड़ा है इन पंक्तियों में । दिल भर आया पूरी रचना पढ़ कर । बधाई कविता जी को । शशि पाधा
बहुत उम्दा
अत्यधिक मार्मिक पंक्तियाँ ... कविता जी को बधाई।
स्वार्थ वश प्रकृति से खिलवाड़ और वृक्षों के ह्रास से उत्पन्न वह पीड़ा जिसे मनुष्य ,पशु -पक्षी या यूँ कहें सारा ही चर -अचर झेल रहा है इस तथ्य को दर्शाती सुन्दर समवेदना जन्य कविता के लिए कविता जी को बधाई | पुष्पा मेहरा
भावपूर्ण चित्रण,,
हृदयस्पर्शी.... कविता जी को बधाई!
मार्मिक सृजन,प्रिय कविता जी को हार्दिक बधाई!
मार्मिक ,सार्थक सृजन। हार्दिक बधाई कविता जी।
कथित विकास से उपजी विनाश की व्यथा का मार्मिक चित्रण। अपने आसपास को इसी तरह व्यक्त किया जाकर ही जागृति लायी जा सकती है। कविता जी को बधाई।
मर्मस्पर्शी रचना...हार्दिक बधाई।
बहुत सुंदर। हार्दिक बधाई।
हार्दिक आभार आप सभी का।
बहुत सुन्दर
बहुत ही सुंदर शब्दचित्रअच्छी कविताबधाईआग्रह है मेरे ब्लॉग को भी फॉलो करेंआभार
पर्यावरण को नष्ट कर के हम जो ग़लती कर रहे , उसके दुष्परिणाम हमको ही झेलने होंगे |बहुत सार्थक और सुन्दर रचना है ये, मेरी हार्दिक बधाई स्वीकारें |
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18 टिप्पणियां:
बहुत बढ़िया
सार्थक रचना। बधाई।
पर्यावरण के महत्व को रेखांकित करती महत्वपूर्ण रचना।कविता जी को बधाई
वृक्ष लताएँअब खुद ही खोजें अपनी छाँव — कितनी पीड़ा है इन पंक्तियों में । दिल भर आया पूरी रचना पढ़ कर । बधाई कविता जी को ।
शशि पाधा
बहुत उम्दा
अत्यधिक मार्मिक पंक्तियाँ ... कविता जी को बधाई।
स्वार्थ वश प्रकृति से खिलवाड़ और वृक्षों के ह्रास से उत्पन्न वह पीड़ा जिसे मनुष्य ,पशु -पक्षी या यूँ कहें सारा ही चर -अचर झेल रहा है इस तथ्य को दर्शाती सुन्दर समवेदना जन्य कविता के लिए कविता जी को बधाई |
पुष्पा मेहरा
भावपूर्ण चित्रण,,
हृदयस्पर्शी.... कविता जी को बधाई!
मार्मिक सृजन,प्रिय कविता जी को हार्दिक बधाई!
मार्मिक ,सार्थक सृजन। हार्दिक बधाई कविता जी।
कथित विकास से उपजी विनाश की व्यथा का मार्मिक चित्रण। अपने आसपास को इसी तरह व्यक्त किया जाकर ही जागृति लायी जा सकती है।
कविता जी को बधाई।
मर्मस्पर्शी रचना...हार्दिक बधाई।
बहुत सुंदर। हार्दिक बधाई।
हार्दिक आभार आप सभी का।
बहुत सुन्दर
बहुत ही सुंदर शब्दचित्र
अच्छी कविता
बधाई
आग्रह है मेरे ब्लॉग को भी फॉलो करें
आभार
पर्यावरण को नष्ट कर के हम जो ग़लती कर रहे , उसके दुष्परिणाम हमको ही झेलने होंगे |
बहुत सार्थक और सुन्दर रचना है ये, मेरी हार्दिक बधाई स्वीकारें |
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