नयी डगर
अनजान सफ़र
पुराने ख़्वाब
आरम्भ मिला नया
कलम वही
बदला है अंदाज़
मार्गदर्शन
बना रहा सहारा
उम्मीद नई
जगायी थी मुझमें
बढ़ा उत्साह
आपने ही सँवारा
लिखना रही
चाहत मेरी सदा
सीखा आपसे
कलम का अर्थ भी
कलमकार
क्या उत्तरदायित्व
समझाया है
काव्य का मतलब
साहित्य- ज्ञान
नित नया है मिला
सिखाया भी है
इस राह बढ़ना
बचाया मुझे
पिता- सम आपने
लुटाया स्नेह
असीम मुझ पर
गुरु-शिष्या का
सम्बन्ध ये हमारा
प्रेम,लगाव
यूँ ही रहे सदैव
आशीष मिले
सर्वदा ही आपका
कामना यही मेरी!
(19 मार्च , 2021)
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15 टिप्पणियां:
सहज सुंदर अभिव्यक्ति
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति।
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति।
हार्दिक बधाई।
सादर-
रश्मि विभा त्रिपाठी 'रिशू'
बहुत सुंदर...हार्दिक बधाई।
्प्रिय बेटी पूनम सैनी के उदात्त भावों को हृदय से नमन । रामेश्वर काम्बोज
सच्चे गुरु ऐसे ही होते हैं! उनके लिए मन से निकले भाव भी बिल्कुल सच्चे होते हैं! सुंदर चोका के लिए बहुत बधाई पूनम जी!
~सादर
अनिता ललित
शुक्रिया।🙏🙂
धन्यवाद।🙏
बहुत-बहुत शुक्रिया।🙏
सत्य कहा आपने।बधाई के लिए बहुत बहुत शुक्रिया आपका।
🙏😊
बहुत बहुत शुक्रिया गुरु जी।🙏😊
दिल के भावों को शब्दों में पिरो कर अति सुन्दर इन पंक्तियों की रचना करने के लिए बहुत बधाई |
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति, बधाई पूनम जी.
बहुत ही खूबसूरत अभिव्यक्ति।
हार्दिक बधाई पूनम जी।
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