मंगलवार, 26 मार्च 2024

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1-मंजूषा मन

1

मैं बाट तकूँ तेरी

तुझसे मिलकर ही

हर चाह मिटे मेरी। 

-0-

2- रश्मि विभा त्रिपाठी

1


अरमाँ मेरे जी का

तेरी खुशियों का

ना रंग पड़े फीका।

2

कैसे खेले होरी

पिय परदेस बसे

गुमसुम बैठी गोरी।

3

आओ खेलें होरी

कोई अभिलाषा

ना रह पाए कोरी।

4

बरसाने की छोरी

संग कन्हैया के

वो खेल रही होरी।

5

कोई ना आज बचा

ब्रज में देखो तो

कैसा हुड़दंग मचा।

6

अरमान न ये टूटे

ऐसा रंग लगा

जीवन भर ना छूटे।

7

बरतो ना कोताही

अपने रंग मुझे

रँग दो अब तुम माही।

8

फूले ये टेसू हैं

वो परदेस बसे

भीगे ये गेसू हैं।

9

अबकी भी फागुन में

मेरे दिन बीते

परदेसी की धुन में।

10

जब भी फागुन आया

तेरे रंग रँगूँ

मेरा मन बौराया।

11

कान्हा ने यों सुन री

मारी पिचकारी

आली! भीगी चुनरी।

12

ब्रज में आई होली

निकल पड़ी देखो

हुरियारों की टोली।

13

होली यों खेल रहे

रंगों की गागर

गोपाल उड़ेल रहे।

14

सबसे बेखबर हुए

तेरे रंग रँगे

हम तो तर-बतर हुए।

15

फागुन का राग पिया

कितना मीठा है

गाता है फाग जिया।

16

होली में लोग भले

भूल गिले- शिकवे

मिलते हैं आज गले।

17

मौसम भी भरमाया

फागुन ने आके

ऐसा रंग बरसाया।

18

मेरा जियरा बहके

आज पलाश कई

होली में हैं दहके।

19

मौसम ये मस्त हुआ

होली आई है

गाता है मन फगुआ।

20

बचपन की होली की

याद बहुत आती

उस हँसी- ठिठोली की।

21

दिन प्यारे बचपन के

संग मनाते थे

होली हम हर जन के।

22

हर एक अदा भोली

आई याद हमें

बचपन की वो होली।

23

मन में केसर घोली

संग पिया ने जब

आकर खेली होली।

24

होली थी वो न्यारी

लाकर देते थे

पापा जब पिचकारी।

25

आया होली का दिन

लेकर लठ्ठ चलीं

ब्रज की सब हुरियारिन।

26

मेरे मन भाया है

प्रेम पगा तुमने

जो रंग लगाया है।

27

चाहत का रंग पिया

तुमने छिटकाया

है आज मलंग जिया।

28

होली में संग पिया!

उड़ता अम्बर में

बन आज पतंग जिया।

29

होली वो बचपन की

याद हमें आई

अपनी उस पलटन की।

30

मन की आशा बोली

वो परदेस बसे

कैसे खेलूँ होली?

31

रुत आई फागुन की

हाथ गुलाल लिये

मैं राह तकूँ उनकी।

32

सब रंग चुरा लाऊँ

इन्द्रधनुष से मैं

तुमको तर कर जाऊँ।

33

बस ये ही चाह करूँ

तेरे जीवन में

खुशियों के रंग भरूँ।

-0-

12 टिप्‍पणियां:

बेनामी ने कहा…

होली और प्रेम के रंग में रंगे मनमोहक माहिया। रश्मि जी एवं मंजूषा जी हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ। सुदर्शन रत्नाकर

मंजूषा मन ने कहा…

आपकी शुभकामनाओं के लिए हार्दिक आभार

मंजूषा मन ने कहा…

होली के रंगों से रँगे भावपूर्ण हाइकु के लिए हार्दिक बधाई रश्मि जी

dr.surangma yadav ने कहा…

बहुत सुंदर माहिया।हार्दिक बधाई।

Krishna ने कहा…

बहुत सुंदर मनोहारी माहिया। मंजूषा जी एवं रश्मि जी हार्दिक बधाई।

प्रीति अग्रवाल ने कहा…

मंजूषा जी और रश्मि जी , दोनों के माहिया सरस्!!

डॉ. जेन्नी शबनम ने कहा…

वाह! इन्द्रधनुष-सा रंग बिखरा है। बहुत सुन्दर माहिया। बधाई मंजूषा जी एवं रश्मि जी।

मंजूषा मन ने कहा…

हार्दिक आभार सुरंगमा जी

मंजूषा मन ने कहा…

बहुत बहुत धन्यवाद कृष्णा जी

मंजूषा मन ने कहा…

बहुत बहुत आभार प्रीति जी

मंजूषा मन ने कहा…

हार्दिक आभार जेन्नी जी

Rashmi Vibha Tripathi ने कहा…

बहुत सुंदर माहिया।
आदरणीया मंजूषा जी को हार्दिक बधाई 💐🌹