शशि पुरवार
1
यह जीवन
कर्म से पहचान
तन ना धन
गुण से चार चाँद
आत्मिक है मंथन ।
2
यह जीवन
तुझ बिन है सूना
हमसफ़र
वचन सात फेरे
जन्मो का है बंधन ।
3
यह जीवन
कमजोर है दिल
चंचल मन
मृगतृष्णा चरम
कुसंगति लोलुप ।
4
यह जीवन
एक खुली किताब
धूर्त्त इंसान
बढ़ते पल-पल
सच्चाई तार -तार ।
5
यह जीवन
वक़्त पड़ता कम
एकाकीपन
जमा पूँजी है रिश्ते
बिखरे छन - छन ।
6
यह जीवन
आध्यात्मिक पहल
परमानन्द
भोगविलासिता से
परे संतुष्ट मन ।
7
यह जीवन
होता जब सफल
पवित्र आत्मा
न्योछावर तुझपे
मेरे प्यारे वतन ।
8
यह जीवन
नश्वर है शरीर
मन पावन
आत्मा तो है अमर
मृत्यु शांत निश्छल ।
-0-
यह जीवन
कर्म से पहचान
तन ना धन
गुण से चार चाँद
आत्मिक है मंथन ।
2
यह जीवन
तुझ बिन है सूना
हमसफ़र
वचन सात फेरे
जन्मो का है बंधन ।
3
यह जीवन
कमजोर है दिल
चंचल मन
मृगतृष्णा चरम
कुसंगति लोलुप ।
4
यह जीवन
एक खुली किताब
धूर्त्त इंसान
बढ़ते पल-पल
सच्चाई तार -तार ।
5
यह जीवन
वक़्त पड़ता कम
एकाकीपन
जमा पूँजी है रिश्ते
बिखरे छन - छन ।
6
यह जीवन
आध्यात्मिक पहल
परमानन्द
भोगविलासिता से
परे संतुष्ट मन ।
7
यह जीवन
होता जब सफल
पवित्र आत्मा
न्योछावर तुझपे
मेरे प्यारे वतन ।
8
यह जीवन
नश्वर है शरीर
मन पावन
आत्मा तो है अमर
मृत्यु शांत निश्छल ।
-0-
3 टिप्पणियां:
वाह सच के सामने आईना रख दिया है। सशक्त कलाम के तेवर पुरअसर हैं
यह जीवन
नश्वर है शरीर
मन पावन
आत्मा तो है अमर
मृत्यु शांत निश्छल ।
बहुत बहुत शुभकामनोन के साथ
-देवी नागरानी
bahut sundar!BAHUT2 BADHAI
यह जीवन
वक़्त पड़ता कम
एकाकीपन
जमा पूँजी है रिश्ते
बिखरे छन - छन ।
Bahut achchaa likha...
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