अनिता ललित
1
आँखों में है सावन
दिल ममता-आँगन
माँ तू कितनी पावन।
2
हर दुःख को सह जाती
उफ़ न कभी करती
माँ तो बस मुस्काती !
3
आँचल में हैं सारे
मुन्ने के सपने
क्या चन्दा ,
क्या तारे।
4
जिस घर माँ मुस्काती
ईश्वर की बाती
कण-कण नूर खिलाती।
5
माँ पहला आखर है
नींव बने घर की
माँ
ऐसा पत्थर है ।
6.
सबको जीवन देती
सहती धूप कड़ी
अपने सपने पीती ।
7
कैसा दुःख क्या चिंतन
दर्द सभी भागें
माँ तो हल्दी-चन्दन।
8.
रिश्तों को वो सीती
छुपकर है रोती
माँ घुट-घुट कर जीती।
9.
जीवन भर ना हारी
अब जब उम्र ढली
अपने बदलें पारी !
10
अपने दिल में पाती
बेटी की धड़कन
माँ की प्यारी साथी ।
11
माँ के भीगे नैना
जो ना पढ़ पाए
उसका क्या है जीना ।
जो ना पढ़ पाए
उसका क्या है जीना ।
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9 टिप्पणियां:
मातृ दिवस की बधाई !
सभी माहिया लाजवाब और यह तो बहुत मन भाया
सबको जीवन देती
सहती धूप कड़ी
अपने सपने पीती ।........बहुत-२ बधाई अनीता जी !
ma par likhe mahiya hiy mein sheetalta.... bhar gaye paancva baar baar padha.......bhaav purn v khoobsurat sabhi mahiya....badhai ke saath
anita ji apke sabhi mahiya bahut achhe like hain. bahut badhai.
pushpa mehra.
कृष्णा जी, ज्योत्स्ना प्रदीप जी, पुष्पा जी... सराहना एवं प्रोत्साहन देने के लिए आप सभी का ह्रदय से धन्यवाद ...आभार !!!
~सादर
अनिता ललित
hrdysparshi rachnayen , hardik badhai...
हार्दिक धन्यवाद भावना जी !
~सादर
बहुत प्यारे माहिया हैं अनिता जी ..क्या कहें बस मन मोह गए ...:)
हार्दिक बधाई !!!!
बहुत प्यारे माहिया...हार्दिक बधाई...|
ज्योत्स्ना जी, प्रियंका जी आपका हार्दिक धन्यवाद !
~सादर
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