डॉ अनिता कपूर (अमेरिका कैलिफोर्निया)
1-सेदोका
1
ले जाओ सब
वो जो तुमने दिया
शेष को बचाना है,
सँभालने में
आधी चुक गई हूँ
भ्रम को हटाना है
-0-
2-ताँका
1
रो रही रात
बुला रही चाँद ओ
तारों को भी
डरती- सिसकती
अमावस्या है आज
2
सागर से ही
पानी ले -लेकरके
बादल आया
बरस गया पर
प्यासा रहा सागर
3
रोज़ जलाता
सूर्य का ताप मेरे
मन का अहं
उग जाती फिर से
नई फ़स्लें रिश्तों की
4
कह जो दिया
चले आओ अब तो
चाहिए मुझे
तपती धरा पर
दो ही बूँद हमारी ।
-0-
2 टिप्पणियां:
MAN KI KOMAL BHAAVNAO KO BAHUT HI KHOOBSURTI SE UKERA HAI AAPNE ....SEDOKA V TAANKO MEIN ....ANITA JI..SABHI NE MAN MOH LIYA..... PAR...ROZ JALATA SURY KA TAAP.....KAH JO DIYA ....YATARTH KI GAHANTA SAMETE...LAJAWAAB.....BADHAI
बहुत भाव पूर्ण भावाभिव्यक्ति ..बधाई अनिता जी !!
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