अनिता
ललित
ओ मेरे कान्हा!
तू है मेरा सहारा।
पालनहारा !
तू ही खेवनहारा।
मोर मुकुट !
तेरा रूप सलोना
दिल लुभाए
आँसू की धार,
जीवन मझधार,
बंसी की धुन
है पतवार मेरी !
ये प्यारी हँसी
दुःख-दर्द निवारी।
मेरा जीवन
है तुझको अर्पण।
मैं हूँ निश्चिन्त
आके तेरी शरण।
मुरलीधर!
मधुर तेरी तान!
मुझे दो शक्ति
मेरी विपदा हरो।
राह दिखाओ !
दिल में बस जाओ
दिल में बस जाओ
सत्कर्म मेरे-
बनें पूजा-अर्चना
तेरी भक्ति-वन्दना।
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3 टिप्पणियां:
राह दिखाओ !
दिल में बस जाओ
सत्कर्म मेरे-
बनें पूजा-अर्चना
तेरी भक्ति-वन्दना।
मनमोहित पंक्तियाँ
इनकी कृपा से सुंदर चोका लिखा है , बधाई .
कृष्ण के प्रति भक्ति भाव से परिपूर्ण बहुत सरस मोहक चोका ..बहुत बधाई !
bhakti ras chalkata krishan bhagvaan par likha sunder v saras choka. badhai anita ji.
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