‘किलकारी’ में हाइकु–ताँका कार्यशाला
सफलतापूर्वक सम्पन्न
- डॉoसतीशराज पुष्करणा
पटना‘किलकारी बिहार बाल
भवन’ के तत्वावधान में 29 जून को
हाइकु–ताँका पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसका
शुभारंभ कार्यशाला की संयोजक श्रीमती मधुरिमा के स्वागत–भाषण से
हुआ। उन्होंने अपने भाषण में कहा कि आज के इस आपाधापी युग में आदमी कम समय में अधिक से अधिक कार्य
करना चाहता है। ऐसे में स्वाभाविक रूप से लघुआकारीय विधाओं का महत्त्व बढ़ जाता
है। गद्य में जहाँ आज के समय में ‘लघुकथा’ पाठकों
का स्नेह अर्जित कर रही है, वहीं पद्य में जापान से आई
विधाओं में ‘हाइकु’ और ‘ताँका’ पाठकों
का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रही
हैं।इसलिए किलकारी अपने बच्चों को इन विधाओं की जानकारी देने हेतु इनके सृजन का
प्रशिक्षण देने हेतु, ख्यातिलब्ध हाइकु–ताँकाकार
डॉ सतीशराज पुष्करणा को आमंत्रित किया है। इन्होंने लघुकथा के अतिरिक्त इन विधाओं
में भी पर्याप्त कार्य किया है।
डॉ पुष्करणा ने इन विधाओं की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर
प्रकाश डालते हुए इनकी अन्तर्वस्तु तथा शिल्प पर विस्तार चर्चा करते हुए बताया कि
हाइकु 5, 7, 5 वर्णों की त्रिपदीय ऐसी कविता है जिसमें किसी
एक भाव अथवा चित्र को सहजता से प्रस्तुत किया जाता है। किन्तु 5, 7, 5 में लिखी कोई भी त्रिपदीय रचना हाइकु नहीं होती। इसमें कवित्व का होना अनिवार्य
है। इसी प्रकार ताँका 5, 7, 5, 7, 7 यानी इकतीस वर्णों की पंचपदीय
कविता है। इसमें कवित्व की अनिवार्यता है।
इन्हें कैसे लिखा जाए प्रशिक्षण में यह बताने के साथ–साथ सभी
बच्चों से दस–दस हाइकु एवं दस–दस ताँकाओं
को वहीं कार्यशाला में लिखवाया गया तथा तत्पश्चात् उन सभी हाइकु एवं ताँकाओं पर
खुली चर्चा की गई। फिर डॉ पुष्करणा द्वारा समुचित संशोधन एवं परिमार्जन के पश्चात्
बच्चों को इसकी बारीकियों से भी अवगत कराया। इस कार्यशाला में लगभग बीस–पच्चीस
बच्चों ने भाग लिया। सभी ने अपने पाँच–पाँच ताँका एवं
पाँच–पाँच हाइकु लिखकर कार्यशाला की संयोजक श्रीमती मधुरिमा
को सौंप दिये।
श्रीमती मधुरिमा के धन्यवाद ज्ञापन के साथ यह कार्यशाला
अपनी पूर्णता को प्राप्त हुई।
( अभिनव प्रत्यक्ष
–जुलाई -2014 से साभार)
4 टिप्पणियां:
ओह्ह .... मुझे ज्ञात नहीं हो सका ... एक मौका चुक गया .....
umda pahal .... hardik shubhkamnayen
बहुत प्रसन्नता हुई जानकर ! इस क़दम के लिए ह्रदय से बधाई। हाइकु व ताँका विधाएँ बहुत आगे बढ़ेंगी... इन्हीं शुभकामनाओं के साथ..
~सादर
अनिता ललित
बहुत सुन्दर प्रयास ..ऐसे सार्थक ,सफल आयोजन के लिए हृदय से बधाई ....बहुत शुभ कामनाएँ !!
सादर
ज्योत्स्ना शर्मा
एक टिप्पणी भेजें