शनिवार, 11 जुलाई 2015

चकित चाँद



1-डॉ.ज्योत्स्ना शर्मा
1
चकित चाँद
देखता था नज़ारे
उझक-उझक के
ले गया मेघ
तान स्याह चादर
रात सारे सितारे ।
2
पहन आया
सतरंग मुंदरी
अम्बर हीरों -जड़ी
देखी जो शोभा
अनुपम धरा भी
देखो ठगी सी खड़ी ।
-0-
2-अनिता मण्डा
1
पंख बेताब
पिंजरे के बंदी हैं
उड़ने के आदी थे
आँसू से बहे
घुल गई सियाही
सपनें किताबी थे।
2
बन के फूल
खिल जायेंगे हम
बिखरेगी ख़ुशबू
हवा में घुल
आएँगे तुम तक
मिल जायेंगे हम।
3
फूलों ने भेजे
ख़ुशबू भरे ख़त
लिख प्यार के मंत्र
पाती ज्यों खोली
खुशबू  उड़ी ऐसी
आ गए सब मीत
4
आ जाता चाँद
लेकर नया रूप
हर बार बढ़ता
देख के दाग़
फिर से घट जाता
लेने नया जनम।
-0-

10 टिप्‍पणियां:

kashmiri lal chawla ने कहा…

दोनो बिरहा भरी और सुंदर रचनाएँ

Anita Lalit (अनिता ललित ) ने कहा…

चकित चाँद, सतरंग मुंदरी, पंख बेताब, ख़ुश्बू भरे ख़त... सभी सेदोका बहुत मनमोहक!
हार्दिक बधाई... ज्योत्स्ना जी एवं अनीता मण्डा जी!!!

~सादर
अनिता ललित

सविता अग्रवाल 'सवि' ने कहा…

डॉ ज्योत्सना जी और अनीता जी आप दोनों को ही इतनी सुन्दर रचना के लिए हार्दिक बधाई |

Pushpa mehra ने कहा…

jyotsna ji va anita ji ap dono ke sedoka bahut hisunderhain. badhai.
pushpa mehra

Krishna ने कहा…

चकित चाँद, बन के फूल बहुत सुन्दर सेदोका....ज्योत्स्ना जी, अनीता जी...बहुत बधाई!

Dr.Bhawna Kunwar ने कहा…

bahut khub! bahut bahut badhai...

ज्योति-कलश ने कहा…

प्रेरक उपस्थिति हेतु आप सभी के प्रति बहुत-बहुत धन्यवाद !

सादर
ज्योत्स्ना शर्मा

ज्योति-कलश ने कहा…

पंख बेताब , बन के फूल ...बहुत सुन्दर ! अनिता जी हार्दिक बधाई !!

सस्नेह
ज्योत्स्ना शर्मा

Jyotsana pradeep ने कहा…

bahut khoobsurat rachnayen!chakit chaand v ban ke phool ne man moh liya ...jyotsna ji tatha anita ji ko shubhkaamnayen..

प्रियंका गुप्ता ने कहा…

इतने अच्छे और सुन्दर सेदोका के लिए आप दोनों को हार्दिक बधाई...|