1-सपना मांगलिक
1
दिल को तड़पाती है
आग जुदाई की
इस कदर जलाती है ।
2
डूबे हैं मस्ती में
बैठे वो जबसे
आँखों की कश्ती में ।
3
हर सितम कबूले जा
याद रखेंगे हम
तू हमको भूले जा।
4
चैन चुराने वाले
माफ़ किया तुझको
रोज़ सताने वाले ।
5
खुद दीप जलाता हूँ
परवाना हूँ ना !
यूँ इश्क कमाता हूँ ।
6
पगली इक दीवानी
आज बनी है जो
इन आँखों का पानी ।
7
दिल को बहला देना
ढूँढ रहा तुझको
पीड़ा सहला देना ।
-0-
एफ-659 कमला नगर आगरा-282005
ईमेल –sapna8manglik@gmail.
7 टिप्पणियां:
There is good example for love and pain with hope between two living hearts
Chawla
बहुत सुन्दर माहिया ...हार्दिक बधाई !
वाह! सभी माहिया एक से बढ़कर एक!
हार्दिक बधाई सपना जी !
~सादर
अनिता ललित
पगली इक दीवानी
आज बनी है जो
इन आँखों का पानी ।
sunder
rachana
bahut sundar bahut bahut badhai....
bahut sundar ...hardik badhai .
भावपूर्ण माहिया हैं सभी...बहुत बधाई...|
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