1-डॉ हरदीप कौर संधु
1
चंद चानणी
तारिआँ दी लौअ 'च
हस्सदी रात
अरशों नूर वहे
बुक्क भर पी जावाँ।
2 .
टुटिआ तारा
हनेरे 'च वलेटी
रोई जिंदगी
काले शाह हनेरे
रोकण हर राह।
3
धाहीं रोवंदा
भर -भर डोलदा
खून दे हंझू
छोहे वैण गमा दे
लग वीर दे कानी।
-0-
2-प्रो दविंदर कौर सिद्धू
1
समाँ दरिआ
वहि गए त्रिंजण
यादाँ बचीआँ
विसर जाणगीआँ
कदे इह यादाँ वी।
2
रोवे जवानी
नशिआँ 'च वहिंदी
मेले सखणे
भटकणा मुकत
लभदी पई राह।
3
नैणा वालिआ
देवें नैण ताँ देखाँ
मूरत तेरी
देह झूटा अम्बरीं
तान मैं सुण सकाँ।
-0-
5 टिप्पणियां:
सभी ताँका बहुत मार्मिक मन को गहरे छू गए !
टुटिआ तारा
हनेरे 'च वलेटी
रोई जिंदगी
काले शाह हनेरे
रोकण हर राह।
समाँ दरिआ
वहि गए त्रिंजण
यादाँ बचीआँ
विसर जाणगीआँ
कदे इह यादाँ वी।
डा० हरदीप कौर जी, डाओ दविन्दर कौर जी बहुत-बहुत बधाई !
ये वाले ठीक से समझ नहीं आये ! फिर भी जितना समझ आये, बहुत अच्छे लगे ! :-)
हार्दिक बधाई... हरदीप जी, दविंदर जी !
~सादर
अनिता ललित
khoobsurat taanka ...hardeep ji tatha davinder ji ko bahut-bahut badhai.
sundar prastuti ...haardik badhaii dono rachanaakaaron ko !!
सुन्दर तांका...बहुत छू गए मन को...| हार्दिक बधाई...|
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