सरस्वती
माथुर
1
प्रिय सावन में आना
मेघा बन करके
मन नभ पर छा जाना l
2
1
प्रिय सावन में आना
मेघा बन करके
मन नभ पर छा जाना l
2
मन बौराया फिरता
तेरी यादों से
मन मेरा जब घिरताl
3
क्या बात लगी मन में
लौट के न आए
फिर से तुम जीवन में l
-0-
तेरी यादों से
मन मेरा जब घिरताl
3
क्या बात लगी मन में
लौट के न आए
फिर से तुम जीवन में l
-0-
2 टिप्पणियां:
सभी माहिया बेहतरीन हैं ; बेहतरीन सृजन के लिए आपको हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं ।
बेहतरीन माहिया...बधाई...|
एक टिप्पणी भेजें