बस हमारे लिए !
शशि पाधा
1
तुम कहो, तो
आज फिर कह दूँ
मन की बात
अभी बाकी है रात
निभा पाओगे साथ ?
2
तुम सुनो,तो
आज फिर सुनाऊँ
मौन के गीत
अंतर्मन संगीत
सुनोगे मनमीत ?
3
बस थाम लो
मेरे काँपते हाथ
शिथिल गात
आज चुप रहना
कुछ भी ना कहना ।
4
आज मौसम
फिर हुआ वासन्ती
हँसी दिशाएँ
हवा गुनगुनाएँ
बस हमारे लिए !
-0-
8 टिप्पणियां:
bahut sundar tankaa Shashi ji!
shubhkamnayen...
बहुत सुन्दर , मधुर प्रस्तुति ..
हार्दिक बधाई दीदी !
बहुत प्यारे... मधुर ताँका !
हार्दिक बधाई... शशि दीदी !
~सादर
अनिता ललित
Good and best application
Klchawla
शशि जी ने प्यार सी कोमल अनुभूतियों को बहुत संदर धंसे अभिव्यक्त किया है. ह्रदय को छूने वाली रचनाएं. -सुरेन्द्र वर्मा
bahut sundar bhawprd rachna ..shubhkaamnaye
तुम सुनो,तो
आज फिर सुनाऊँ
मौन के गीत
अंतर्मन संगीत
सुनोगे मनमीत ?
Bhaut khub!
बहुत बेहतरीन तांका...बधाई...|
एक टिप्पणी भेजें