सीमा स्मृति
आजकल
चारों ओर फैले स्वाइन फ्लू को देख कर बरबस मुझे बीस बरस पुरानी यादों ने
घेर लिया। परत दर परत मेरे ज़हन में तस्वीरें उभरने लगी ।
“सीमा, तुम को कितनी बार मना करूँ, तुम मनु के साथ
साइकिल पर बाजार तक मत जाया करो। अभी बहुत छोटा है । अभी उसे पूरी तरह से साइकिल
चलनी भी नहीं आती है। कहीं ऐसा ना हो तुम दोनों को गिर जाओ या कोई चोट लग जाए। मम्मी ने डाँटते हुए कहा।
नहीं, मम्मी वो छोटा पर मेरा बहुत
ख़्याल रखता है। वो मेरे लिए बहुत ध्यान से साइकिल चलाता है।
मेरा स्वीटू सा मिनी फ्रेंड है मनु।
मुझे
याद है, जब भी पापा और भइया घर से बाहर होते तो
मुझे बस स्टैण्ड, बाजार या छोटे- छोटे कामों के लिए निर्भर
रहना पड़ता था।दोनों टाँगों में नौ माह की अवस्था में पोलियो के कारण
मेरी जिन्दगी का सफ़र कुछ अलग था। मनु मेरा मिनी फ्रेंड, जो मुझ से कम से कम 15 वर्ष छोटा था। पापा और
भैया के घर से बाहर होने पर, हमेशा जब जरूरत
होती मेरे हर कार्य में सहायता करता था।
हाँ, उस दिन को याद कर
मेरी हँसी बन्द नहीं पा हो रही थी। वो मुझे कालेज जाना था और बस-स्टैण्ड छोड़ने के लिए मैंने मनु
को कहा। पता नहीं, उस दिन क्या हुआ गली के मोड़ से पहले
ही उसकी साइकिल..............धम् से नाली में चली गई। ये गनीमत थी, नाली गहरी नहीं थी।
हम दोनों गिर गए कोई चोट नहीं आई । बस थोड़े कपड़े खराब हो गए। आस-पास
देखने वाले लोग जोर- जोर से हँसने लगे।
मनु
के साथ बिताए पलों की कितनी ऐसी यादें थीं। उसके सभी लड़के- लड़कियों मित्रों के
साथ गोल- गप्पे खाने जाना, किसी को डराना, पिक्चर देखना। बारिश में घूमने जाना और ना जाने
कितनी शरारतें थी।
जिन्दगी का सफ़र बढ़ता गया। मनु की
नौकरी लगी, वो दुबई चला गया। उसकी शादी हो गई। फिर एक दिन ख़बर आई की मनु की स्वाइन फ्लू से मृत्यु हो गई। मैंने उस समय पहली
बार स्वाइन फ्लू शब्द सुना था। बची तो बस
यादें ....यादें, इसके सिवा कुछ भी नहीं !!
मिश्री
–सी मीठी
निबौरी-सी
कड़वी
अनंत
यादें।
-0-
जी-11 विवेक अपार्टमेंट,श्रेष्ठ विहार दिल्ली 110092
12 टिप्पणियां:
कोई शब्द कितनी बेदर्दी से आपकी ज़िंदगी से जुड़ जाए कोई नहीं जानता। जब हाइबन पढ़ना शुरू किया तो पता नहीं चला कि आपने बात स्वाइन फ्लू से क्यों जोड़ी। यहाँ तो आपके बचपन की मीठी यादों की बातें हैं .......... फिर एकदम से कपकपी सी छिड़ गई और आँखें नम हो गईं। यही दुआ करती हूँ कि भगवान जाने वाले की आत्मा को शांति दे तथा आप सबको जीने का बल दे।
हरदीप
yaden hansati
to kabhi rulati bhi
jeevan -sangi.
apaka haiban ne sukh ki neenv par dukh ka pahad Dhoya hai, divangat ke prati shradhanjali.
pushpa mehra.b
मेरी उन बच्चों के साथ अंतहीन यादें हैंं विशेष रूप से मनु के साथ। उस का हँसता मुस्कराता चेहरा आज भी मेरी आंखों में बसा है। उस वक्त की मेरी निर्भरता को उन बच्चों ने इतना सहारा दिया था कि मैं कभी नहीं भूल सकती हूँ। यह मेरी ओर से मनु को हार्दिक श्रद्धांजलि है।
सचमुच! आँखें भीग गयीं। दिल को छू गया हाइबन सीमा जी !
हार्दिक श्रद्धांजलि प्रिय मनु जी को !
इस सुंदर अभिव्यक्ति के लिए हार्दिक बधाई आपको !
~सादर
अनिता ललित
हृदयस्पर्शी हाइबन !
बहुत ही मार्मिक हाइबन सीमा जी
bahut marmik..bahut bahut badhai...
bahut hi marmik ...bas rona aa gaya..manu ji ko hardik shraddhanjli.aapke lekhan ko naman seema ji .
sima ji kya kahun bahut hi dukhad bas ye yaden hi hamare sath rah jati hain
rachana
Best article of old memories but ends with
Tregedy chawla
बहुत मर्मस्पर्शी अभिव्यक्ति है ...
एक सहज, सरल ,स्नेही दिवंगत मित्र की स्मृतियों को अमर बनाती भावपूर्ण श्रद्धांजलि ...
सादर नमन के साथ
~ज्योत्स्ना शर्मा
अंत तक आते आते आँखें नम हो गई...| मीठी सी कोई बचपन की याद लगते लगते ये कैसा मोड़ आ गया...|
आपके मित्र की यादों को नमन...|
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