सपना मांगलिक
1
फूल नकली
कागज के
तुम्हारे
हैं असली
से अच्छे,
प्रेम
तुम्हारा
सारे जग
से प्यारा
भाव हैं
कोरे -सच्चे
2
कहो कह दूँ
क्या ठीक
है कहना
जो बात है
दिल में,
बेताब हूँ
मैं
तुमसे
सुनने को
अब कह भी दो न !
3
लम्हा- लम्हा तू
धड़के है दिल में
अब कह भी
दे क्यों ,
कई जन्मों का
तेरा- मेरा ये नाता
फिर ये
पूछता क्यों ?
4
भूल गए न
तुम आज भी
देखो
क्या मैं
याद दिलाऊँ?
याद मुझे
है-
हूँ भूला नहीं कुछ
जरा पास
तो आऊँ
5
खो गया
दिल
किस गली
में ढूँढूँ
जरा कोई
बताए,
नजरें
मिलीं
फिर झुकी
जहाँ पे
कोई होगा
छुपाए ।
6
शाम -सवेरे
तेरा
रस्ता मैं ताकूँ
आजा साजन
मेरे ,
आने वाला
हूँ
दिल के
दिए जला
कर दूर
अँधेरे ।
7
चाहूँ
तुमको
या भुला दूँ अब से
ये पूछूँ मैं सबसे,
तेरी चाहत
अहसास ये
तेरा
क्यों पूछे तू सबसे
-0-
एफ-६५९
कमला नगर आगरा २८२००५
ईमेल –sapna8manglik@gmail.
7 टिप्पणियां:
सभी रचनाएँ बहुत सुन्दर!
सपना जी शुभकामनायें …
सभी सेदोका सुंदर -पहला वाला सबसे अच्छा लगा !
हार्दिक बधाई सपना जी !
~सादर
अनिता ललित
बहुत सुन्दर भावपूर्ण सेदोका ..
बहुत-बहुत बधाई सपना जी !
Sundar sedoka badhai...
Deep love as wide ocean
Kashmiri lal chawla muktsar panjab
sundar rachnayen....shubhkaamnayen sapna ji.
बहुत अच्छे सेदोका हैं...| बधाई सपना जी...|
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