सोमवार, 18 मई 2015

खुशबू का सफ़र जारी रहे !



[ खुशबू का सफ़र जारी हुआ था 18 मई , 1934 को । जीवन के विभिन्न  पड़ावों को पार करके  81 वर्ष पूरे हो चुके हैं। मेरे कहने का आशय है विभिन्न विधाओं की सिद्धहस्त  साहित्यकार आदरणीया दीदी  डॉ सुधा गुप्ता जी  आज 82 वें वर्ष में प्रवेश कर रही हैं। आप हिन्दी हाइकु और त्रिवेणी की प्रेरक रचनाकार तो हैं ही,नए-पुराने सभी  रचनाकारों की गम्भीर पाठिका भी हैं।अच्छी रचनाओं की खुले दिल से सराहना भी  करती हैं।
हम सब आपकी दीर्घायु की  शुभकामना करते हैं। आशा करते हैं कि नव्यतम विधाओं का आपका यह अभियान चलता रहे और नित्य नूतन की तलाश जारी रहे।
डॉ हरदीप सन्धु और रामेश्वर काम्बोज हिमांशु]
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रामेश्वर काम्बोज  हिमांशु

शुरू था किया
खुशबू का सफ़र
कँटीला पथ
बीहड़ पार किया
जीवन हमें
जैसा मिला था जिया
पूरा तो हुआ
लकड़ी का सपना;
तरु देवता-
पाखी पुरोहित-से
आकर बैठे
तब कूकी जो पिकी
सपने बुने
चाँदी के अरघे में
दिन भर  की
धूप से गपशप
विश्वास था कि
बाबुना जो आएगी
मेरी  पसन्द
खूब पता  उसको
वह गाएगी
आ बैठी गीत परी
गाती ही रही
अकेला था समय
सुनता रहा
चुलबुली रात ने
स्वप्न सँजोए
कुछ धूल में खोए
फिर भी  जिए
पानी  माँगता  देश
प्यास ही लिये
हम चलते रहे
नश्वर ही थे
कोरी माटी के दिए
तम से लड़े
आँधियों मे भी  जले
बाँस जीवन
सात छेदवाली मैं
बजती रही
वाणी के द्वारे  गीत
गाती ही रही
ओक भर किरने
हर दिन पी
सूरज की पाती मैं
लिखती रही
ढूँढती रही  सदा
आशाओं-भरी
खोई हरी टेकरी
निकल पड़ी
सागर को रौंदने
गिरि-कन्दरा
जी भर कर छाने
मन न माने
सफ़र के छाले हैं
देखे भाले हैं
रुकना नही जाना
आज तक भी
हौसले बुलन्द हैं
हारी  हूँ कब ?
पाना  बहुत कुछ -
तलाश जारी  रहे !
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11 टिप्‍पणियां:

Manju Mishra ने कहा…

सुधा जी की सारी रचनाओं को समेटकर इतनी सुन्दर रचना …. आदरणीय रामेश्वर जी …यह कमाल तो बस आप ही कर सकते हैं …. यह बहुत ही सुन्दर शुभकामना एवं उपहार है सुधा जी के लिए।

आदरणीय सुधा जी नमस्कार !

आपको जन्मदिन की अनेकों शुभकामनायें ! मैंने आप से फोन पर बात करने की कोशिश की थी लेकिन आप शायद मेरी आवाज ठीक से सुन नहीं पायीं। कोई बात नहीं मैंने आपकी आवाज सुनी और आपको दिल से शुभकामनायें दीं। आशा करती हूँ कि आप यह मेल पढ़ेंगी और मेरा स्नेह आप तक पहुँच सकेगा।

आठ दशकों की यह यात्रा भले ही संघर्षों से भरपूर रही हो लेकिन इन वर्षों में जो आपने जीवन से पाया और जो आपने जीवन को और समाज को दिया, अपने आस-पास अपने घर परिवार एवं मित्रों को जो स्नेह एवं सम्मान दिया वह बेमिसाल है। वह सदैव एक स्वर्णिम यादगार बनकर सबके दिलों में रहेगा।

ढेर से स्नेह एवं आदर के साथ
आपकी मंजु

ज्योति-कलश ने कहा…

स्नेहमयी दीदी के लिए उनके जन्मदिन पर सचमुच बहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति है ...एक-एक पंक्ति उनके व्यक्तित्व और कृतित्व से रूबरू कराती हुई !अनुपम चोका !!
इस सुन्दर अवसर पर मैं भी आदरणीया दीदी के सब प्रकार से स्वस्थ ,सुन्दर ,यशस्वी ,खुशियों भरे ,दीर्घायु जीवन की कामना करती हूँ ...आपका स्नेहाशीष , आपका मार्गदर्शन हमें सदैव प्राप्त होता रहे !...
ईश्वर से प्रार्थना करती हूँ कि...
ये ज्ञान-ज्योति
सदा जगमगाए
पथ दिखाए !!

बहुत शुभकामनाओं और आदर के साथ
आपकी
ज्योत्स्ना शर्मा

Anita Lalit (अनिता ललित ) ने कहा…

वाह! वाह! भैया जी! इससे बढ़कर और क्या उपहार होगा ! दीदी जी की समस्त रचनाओं को लेकर बहुत-बहुत ख़ूबसूरत चोका लिखा आपने!

आदरणीया सुधा दीदी जी को उनके जन्मदिन पर अशेष शुभकामनाएँ ! ईश्वर उन्हें सदैव स्वस्थ, सुखी एवं समृद्ध रखे ! उनकी लेखनी सदा ही उनके दिल की कोमल भावनाओं का आईना बनी मोतियाँ बरसाती रहे और हमारी राहों को रौशन करती रहे ! हमारे सिर पर उनका स्नेहाशीर्वाद भरा हाथ हमेशा बना रहे !
जन्मदिन बहुत-बहुत-बहुत मुबारक़ हो दीदी जी !
~सादर नमन के साथ
अनिता ललित

Pushpa mehra ने कहा…

ati pravahman bhavavyakti hetu bhaiji ko badhai tatha adarniy sudha didi ko unake janmdivas par
anekanek subhkamnayen.ishvar unhe dirghau de.
b pushpa mehra.

Krishna ने कहा…

बहुत ही खूबसूरत चोका.....बधाई!
आदरणीया सुधा दीदी जी जन्मदिन की अनंत शुभकामनाएं। आने वाला प्रत्येक नया दिन आपके जीवन में अपार खुशियाँ लेकर आए। कामना करती हूँ आप स्वास्थ्य, प्रगति, प्रसिद्धि, समृद्धि के साथ आजीवन गतिमान रहें।

सादर नमन के साथ
कृष्णा वर्मा

kashmiri lal chawla ने कहा…

Shubkamna

सुनीता अग्रवाल "नेह" ने कहा…

didi ko janmdiwas ki ashesh shubhkamnaye :)

Dr.Bhawna Kunwar ने कहा…

रुकना नही जाना
आज तक भी
हौसले बुलन्द हैं
हारी हूँ कब ?
पाना बहुत कुछ -
तलाश जारी रहे !
bas yahi pankiyan jeevan bhar sabhi nariyon ko dohrana chahiye yahi banegi prearna nariyon ki ..bahut khubsurat...didi se baat karke man ko manon pankh lag jate hain vahana bhi ja pahuchta hai jahana nahi pahuchna chaiye or fir eak naya sarjan jarur hota hai "aisi hain hamari Sudha didi"
jo ham sab ki payari didi hain anek shubhkamnaon ke saath...

Jyotsana pradeep ने कहा…

वाणी के द्वारे गीत
गाती ही रही
ओक भर किरने
हर दिन पी
सूरज की पाती मैं bahut khoob !

सफ़र के छाले हैं
देखे –भाले हैं
रुकना नही जाना
आज तक भी
हौसले बुलन्द हैं
हारी हूँ कब ?
पाना बहुत कुछ -
तलाश जारी रहे
bhaiya ji aapne bhinn- bhinn pyare -pyare phoolon ko badi nazakat se sametkar bada hi khoobsurat guldasta taiyaar kiya hai...kamaal ki lekhni hai aapki aur sudha ji ki ...naman hai aap logon ki lekhni ko ...naman hai aap jaise shakhsiyat ko
aadarniya sudha ji ke liye kuch bhaav -
diya aas ka jalta rahe
khushboo ka safar
isi tarah chalta rahe ....sar jhukaaye ..hardik shubhkaamnaon ke saath -

Unknown ने कहा…

उनएक विचार सुधा के जन्म दिन पर

‘खुशबू भरा सफ़र’ शीर्षक से हिमांशु जी ने श्रद्धये सुधा दी’ के जन्म दिन पर उन के साहित्यिक जीवन की झाँकी के साथ साथ उनके संघर्ष भरी जीवन कथा भी कह दी। संघर्षों से डट कर सामना करने वाला ही कुछ कर दिखाता है। इसमें संदेह नहीं। माँ शारदा का आशीर्वाद ले प्रकटी सुधा दी’ संसार के लिए अमूल्य देन हैं । उनके जन्म दिन पर उनके स्वस्थ और दीर्घ जीवन के लिए ढेरों शुभ कामनाएं। भगवान से प्रार्थना है कि हम वर्षों उनके साहित्य का आनंद लेते रहें। उनकी दो एक रचनायें ही पढ़ी उसके रस से भीग कर आनंद विभोर हो गयी । नमन दीदी।

“रुकना नही जाना /आज तक भी /… होंसलें हैं बुलंद /हारी हूँ कब ?” क्या कहने ऐसी जिजीविषा के।

हिमांशु जी आपने भाव पूर्ण रचना द्वारा सुधा दी का परिचय दिया वधाई। खूबसूरत शब्दों की माला पिरो कर।
के जन्म दिन पर जो भेंट दी वह भी बहुत सुंदर लगी। पुनः वधाई।

प्रियंका गुप्ता ने कहा…

आदरणीय सुधा जी को सबसे ज़्यादा कमाल की शुभकामना आदरणीय कम्बोज जी द्वारा दी गई है...| मानो यह खुशबू का सफ़र हम सब में अपनी महक बिखरा रहा हो...| आदरणीय सुधा जी स्वस्थ रहते हुए शतायु हों...उनकी लेखनी सदा यूँ ही उर्जावान रहे...इसके साथ उनके लिए ईश्वर से और भी बहुत सारी दुआएँ...|
सादर नमन के साथ उनको जन्मदिन की अशेष शुभकामनाएँ...(काफी देर से ही सही, पर शुभकामनाओं का कोई वक्त नहीं होता न...)