जन्मदिन (ताँका)
-डॉ. जेन्नी शबनम
1.
उम्र की तीली
धीरे-धीरे सुलगी
कुछ है शेष
कब होगा अशेष
समय ही जानता।
2.
जन्म की तिथि
बताने बढ़ी उम्र
फिर से आई,
उम्र का लेखा-जोखा
क्यों करना है भाई।
3.
खोजती हूँ मैं
अब भी बच्ची हूँ मैं
बाबा व अम्मा,
छोड़ चले गए वे
यादों में जन्मदिन।
4.
ख़ूब मिलता
जन्मदिन जो आता
शुभकामना
आँचल में भरके
सौग़ात है मिलती।
5.
मैं अलबेली
जन्मदिन मनाती
भले अकेली
खाकर होती तृप्त
खीर -पूरी -मिठाई।
6.
पिघली ओस
जन्मदिन के दिन
हँसके देती
ठंडक का आशीष
बोली- फूल-सा खिलो।
7.
सूर्य कहता-
बस चलती रहो
कैसा भी पल
हारना न रुकना
सीखो मुझ-सा जीना।
8.
सूरज उगा
भरता उजियारा
मन में मेरे
सन्देश है भेजता
सदा जलो मुझ-सा।
9.
वक्त ने कहा-
उम्र का लेखा-जोखा
मत करना।
जब तक हैं साँसें
जीभरकर जीना।
10.
सुन्दर दिन
आज मेरा जन्मदिन
चहकती मैं,
अनुभव का रंग
मुझे करे रंगीन।
-0-
11 टिप्पणियां:
क्षणिकाएं बहुत सुंदर हैं
आपको जन्म दिन की हार्दिक शुभकामनाएं और बहुत सुंदर ताॅंका रचने के लिए भी।
बहुत सुंदर लिखा है
जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं
मेरी रचनाएँ पसन्द करने और मुझे शुभकामना देने के लिए आप सभी का हार्दिक आभार!
जन्मदिवस की अशेष शुभकामनाएँ जेन्नी जी
जब तक हैं साँसें / जीभरकर जीना। - बहुत बढ़िया
भावपूर्ण सृजन के लिए बधाई
जन्मदिन की हार्दिक बधाई जेन्नी जी। इस तरह भी अपने विशेष दिवस को एंजॉय करना चाहिए।
ताँका अच्छे हैं-पुनः बधाई।
जन्मदिन की अनेकों शुभकामनाएँ जेन्नी जी, बहुत सुंदर तांका रचे हैं।
जन्मदिन की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएँ जेन्नी जी,अवसरानुकूल बहुत सुंदर ताँका।
बहुत सुंदर ताँका...जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ जेन्नी जी।
आप सभी की शुभकामनाएँ मेरे लिए बहुत मायने रखती है। आप सभी का हार्दिक आभार। मेरी रचना को पसंद करने के लिए आप सभी का शुक्रिया।
सुंदर ताॅंका... उत्कृष्ट सृजन 🌹🙏😊
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