मीनाक्षी धन्वन्तरि
आज अचानक आटा गूँथने ही लगी थी कि तेज़ दर्द हुआ और हाथ बाहर खींच
लिया... देखा छोटी उँगली से फिर ख़ून बहने
लगा था ।ज़ख़्म गहरा था ।दर्द कम होने के बाद किचन में आने का सोचकर बाहर निकल
आई।याद आने लगी कि रियाद में कैसे शीशे का गिलास धोते हुए दाएँ हाथ की छोटी उँगली
कट गई थी और ख़ून इतनी तेज़ी से बह रहा था कि उसका सुर्ख रंग मन में एक अजीब -सी हलचल पैदा
करने लगा था।उँगली कुछ ज़्यादा ही कट गई थी; लेकिन दर्द
नहीं हो रहा था ।
मैं बहते खून की खूबसूरती को निहार रही थी-चमकता लाल सुर्ख लहू!
गिरता भी खूबसूरत लग रहा था !!अपनी ही उँगली के बहते ख़ून को अलग -अलग एंगल से
देखती आनन्द ले रही थी!!!
अचानक उस खूबसूरती को कैद करने के लिए
बाएँ हाथ से दो चार तस्वीरें खींच लीं;लेकिन अगले ही पल एक अनजाने
डर से आँखों के आगे अँधेरा छा गया ।भागकर अपने कमरे में गई ।सूखी रुई से उँगली को
लपेटा और कसकर पकड़ लिया.... उसी दौरान जाने क्या -क्या सोच
लिया !
एक पल में ख़ून कैसे आँखों
में चमक पैदा कर देता है और दूसरे ही पल मन को अन्दर तक कँपा देता है । सोचने पर
विवश हो गई कि दुनिया भर में होने वाले ख़ून ख़राबे के पीछे क्या यही कारण हो सकता
है !
बहते ख़ून की चमक,तेज़ चटकीला लाल रंग,उसका लुभावना रूप देखने की लालसा,फिर दूसरे ही पल एक
डर,,गहरा अवसाद घेर
लेता हो । मानव प्रकृति ऐसी ही है शायद !
पल में दानव बनता, पल मे देव बनता मानव शायद इंसान बनने
की जद्दोजहद में लगा है-क्या सिर्फ मैं ही ऐसा सोचती हूँ!!पता
नहीं आप क्या सोचते हैं... !!!!!
मन
भटका
जन्मी वहशी सोचें
राह मिले न ।
6 टिप्पणियां:
आज की परिस्थितियों में बेहद संवेदन शील प्रस्तुति ...हार्दिक बधाई भावपूर्ण हाइबन के लिए !
सादर
ज्योत्स्ना शर्मा
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
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आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल शनिवार (19-07-2014) को "संस्कृत का विरोध संस्कृत के देश में" (चर्चा मंच-1679) पर भी होगी।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, गाँधी + बोस = मंडेला - ब्लॉग बुलेटिन , मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
त्रिवेणी में शामिल करने के साथ साथ ज्योत्सनाजी शास्त्रीजी और शिवमजी आप सबका आभार..
समय रहते सही ख्याल आना ही तो फर्क दर्शाता है इंसानी और वहशी सोंच का ...
सुन्दर प्रस्तुति।
कुछ अनोखी सी सोच...नया सा हाइबन...हार्दिक बधाई...|
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