रेनु चन्द्रा
1
सावन आया
इन्द्रधनुष छाया
सात रंगों से
रंगीन हुआ नभ
देख हर्षाया मन।
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सावन आया
इन्द्रधनुष छाया
सात रंगों से
रंगीन हुआ नभ
देख हर्षाया मन।
2
मन में छाई
घटा घनघोर- सी
जब बरसी
दु:ख की धरती- सा
मन भीगता रहा ।
-0-
मन में छाई
घटा घनघोर- सी
जब बरसी
दु:ख की धरती- सा
मन भीगता रहा ।
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6 टिप्पणियां:
मन भीगता रहे .... सुंदर
बहुत सुन्दर ......
मन में छाई
घटा घनघोर- सी
जब बरसी
दु:ख की धरती- सा
मन भीगता रहा ।.....मन को छू गया ....!
तांका के लिए बधाई !डॉ सरस्वती माथुर
sundar bhav badhai...
सूंदर भावाभिव्यक्ति ! बधाई रेनु चन्द्रा जी !
Beautiful words, nicely written!
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