डॉ अनीता कपूर
1.
तुम्हारी याद-
ओस में भीगी मैं
या बादलों का
पसीना भिगो गया
रही मैं प्यासी
तू बन जा नदिया
हुई मैं रेत
तेरा दिल फिसला
हूँ हवा नहीं
खुशबू हूँ तेरी मैं
न कोई खौफ़
न डर ज़हर का
तू इश्क मेरा
अनारकली हूँ मैं
तू कृष्ण मेरा
तेरी ही राधा हूँ मैं
जन्मों की गाथा हूँ मैं ।
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8 टिप्पणियां:
" तेरी ही राधा हूँ मैं / जन्मों की गाथा हूँ मैं।" ... डॉ अनिता जी का यह चोका मन को इतना भाया कि मैंने इसे कई बार पढ़ा। हार्दिक शुभकामनायें ! माँ सरस्वती की आप पर कृपा बनी रहे !
बहुत सुन्दर-------अनीता जी आप को हार्दिक बधाई
बहुत सुंदर 'याद' की परिभाषा अनीता जी....! बहुत अच्छा लगा चोका !
~सादर!!!
सुन्दर ...मधुरता से परिपूर्ण प्रस्तुति ...बहुत शुभ कामनाएँ अनीता जी !
बहुत खूबसूरत चोक। अनीता जी बहुत शुभकामनाएं।
ye to janmo ki gatha hi hai neh ka pavan chitran hai
badhai
rachana
तू कृष्ण मेरा
तेरी ही राधा हूँ मैं
जन्मों की गाथा हूँ मैं ।
बहुत सुन्दर...
prem paga ye choka bahut bhaaya...aapko meri hardik badhai...
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