1-तुहिना
रंजन
1.
श्रम की
बूँदें
निसंदेह कभी तो
बनेंगी मोती
मिल जाएगी सीप
गहरे पानी
पैठ ।
2.
जीवन- खेल
समय का
पहिया
सुखद क्षण
रंग -भरे सपने
कभी दु:खी हो मन ।
3.
गुनगुनाते
सपनो को
सजाते
खिलखिलाते
रूठते औ' मनाते
आ ! जी लें हर पल !
4.
सूखी माटी भी
भीग ओस -अश्रु से
बीज सहेजे
अथक प्रयास
से
करती अंकुरण
।
5.
कर्मठ जोगी-
परिश्रमी
दो हाथ,
प्रार्थनारत
धन्य -धन्य
हो रहे
पा कृपा
पुरस्कार ।
-0-
2-अनिता ललित
1
अँधेरा छाए,
जो जीवन-पथ पर
घबराना ना !
आस-जोत जलाना
जो जीवन-पथ पर
घबराना ना !
आस-जोत जलाना
दिल को
दीप बना !
2
जीवन -धार
रिश्तों के मंथन में
होती आहत
छलकते नयन
करके विष-पान !
3
2
जीवन -धार
रिश्तों के मंथन में
होती आहत
छलकते नयन
करके विष-पान !
3
जीवन
मिला
चुनौतियाँ भी संग
न डरो मनु !
तुम हो सृजक की
एक उत्तम कृति !
4
जीवन -रंग
चुनौतियाँ भी संग
न डरो मनु !
तुम हो सृजक की
एक उत्तम कृति !
4
जीवन -रंग
खिलें
सुख-दुख में
हँसो, स्वीकारो !
हर रंग
में छुपा
ईश्वर का
नूर है !
5
जीवन हो यूँ
ज्यों
जले दीप-ज्योति,
करे उजाला
जब तक लें साँसें,
करे उजाला
जब तक लें साँसें,
नियति
बुझ जाना!
-0-
-0-
3-सुभाष
लखेड़ा
1
दया भाव
हो,
सभी के
लिए स्नेह
व हो सद्भाव
किसी को
दर्द न दें
ऐसा जीवन
जिएँ।
2
जीवन
क्या है ?
क्या
सिर्फ साँस लेना
कदापि
नहीं
जीवन
उमंग है
हँसती
तरंग है।
-0-
1 टिप्पणी:
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति.
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