4-डॉ
सरस्वती माथुर
1
समय -रथ
अनथक
भागता
पाहुना
बन
जीवन
बसंत में
रगों को
भरता है l
2
अब कहाँ
है
जीवन
निहारता ?
रोशन
चाँद
अँधेरी
सी रातों में
चाँदनी
बरसाता l
-0-
5-मंजु
गुप्ता
1
नदी -स्याही
से
लिखे मन- धरा पे
भाव -कलम
जीवन को जीने की
रसवन्ती कहानी
।
2
फूल हैं
झरे
सुबह से
पहले
सूनी दिशाएँ
राह भटक
गई
थी जीवन की गाड़ी ।
3
रिश्ते
पनपे
तुमसे
मिलकर
निभा न
सके
किए हैं समझौते
दिल
जला-जला के ।
-0-
6-रेनु
चन्द्रा माथुर
1
जीवन भर
दर्द सहते हुए
सीखा है मैने-
प्यार से बड़ा नहीं
होता है कोई रिश्ता ।
2
हमें सिखाता
जीवन का गणित
जोड़ें घटाएँ
गुणा करें या भाग
किस्मत का मिलता।
3
ये जीवन है
सुख- दु:ख का मेला
आना औ जाना
ना दिल को लगाना
मुस्कुराते रहना।
4
जीवन- नैया
तूफानों से घिरके
डगमगाती
साथी मिल जाए तो
फिर सँभल जाती।
-0-
1
जीवन भर
दर्द सहते हुए
सीखा है मैने-
प्यार से बड़ा नहीं
होता है कोई रिश्ता ।
2
हमें सिखाता
जीवन का गणित
जोड़ें घटाएँ
गुणा करें या भाग
किस्मत का मिलता।
3
ये जीवन है
सुख- दु:ख का मेला
आना औ जाना
ना दिल को लगाना
मुस्कुराते रहना।
4
जीवन- नैया
तूफानों से घिरके
डगमगाती
साथी मिल जाए तो
फिर सँभल जाती।
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