डॉ जेन्नी शबनम
1
जाने क्या लाचारी
कोई ना समझे
मन फिर भी है भारी !
2
सन्देशा आज मिला
उनके आने का,
मन में है फूल खिला !
3
दुनिया भरमाती है
अजब पहेली है
समझ नहीं आती है !
4
मैंने दीप जलाया,
जब भी तू आया
मन ने झूमर गाया !
5
चुपचाप हवा आती
थपकी यूँ देती ,
ज्यों लोरी है गाती !
-0-
7 टिप्पणियां:
दुनिया भरमाती है
अजब पहेली है
समझ नहीं आती है !
सुन्दर माहिया...जेन्नी जी बधाई।
saral bhaashaa mein gahree baat kahte sundar maahiyaa ...bahut badhaaii !!
saral bhaashaa mein gahree baat kahte sundar maahiyaa ...bahut badhaaii !!
saadar
jyotsna sharma
सन्देशा आज मिला
उनके आने का,
मन में है फूल खिला !
बहुत प्यारा माहिया ..
बहुत सुंदर माहिया लिखे हैं जेन्नी जी । बधाई !
बहुत सुन्दर माहिया हैं सभी, पर ये बहुत ही अच्छा लगा...
जाने क्या लाचारी
कोई ना समझे
मन फिर भी है भारी !
ये पल शायद सबके साथ आता है...|
बधाई...|
प्रियंका
मेरे पहले प्रयास को आप सभी का मान मिला, ह्रदय से आभार.
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