1-चोका
भावना सक्सैना
2- सेदोका
1-हरकीरत ‘हीर’
भावना सक्सैना
1
चलती रही
हर हाल में आगे
पकड़े रही
हौसलों का दामन
यही ज़िंदगी
मुस्कानों में पनपी
सिंची अश्रु से
गिरके सँभलना
इसकी खूबी रही।
-0-2- सेदोका
1-हरकीरत ‘हीर’
1
रोती है नज़्म
तन्हा- तन्हा रातों में
क्या टूट कर गिरा?
इक विश्वास,
हर किरच में दिखे
घायल अरमान ।
-0-
2-कमल कपूर
1
नहीं चाहिए
गगन की ऊँचाई
सिंधु की गहराई ,
पृथ्वी- पुत्री हूँ
माटी में मिलकर
माटी ही बनना है ।
2
वाह ज़िन्दगी
राई-राई बढ़ती
रत्ती-रत्ती
घटती ,
आह ज़िन्दगी
रेशा-रेशा जलती
रफ्ता-रफ्ता चलती ।
-0-
3-अनिता मण्डा
1
शांत नीरव
चाँदनी का घूँट पी
सोये सारे नज़ारे,
विकल हिय
सुधियों का सागर
जागे नैन हमारे।
2
नींद न आई
जब भी चाहा छूना
दहलीज़ ख्वाबों की,
जख़्म दे गई
हर बार ही नया
छुअन गुलाबों की।
3
बनें बिगड़ें
ये रेतीली लहरें
कब प्यास बुझाएँ
सूखे वो तरु
सींचा नहीं जिनको
कहाँ से छाँह पाएँ।
4
चन्दन तरु
विष नहीं गहता
सर्प संग रहता,
सज्जन मन
ऊँच-नीच सहता
आये न कुटिलता।
-0-
4-कोमल सोमडवाल
1
समय- पंछी
उतर धरा पर
ठिठक-सा गया है,
मोहित हुआ
देखकर अपना
अभिसार यहाँ है।
-0-
10 टिप्पणियां:
वाह जिन्दगी के अन्तरगत जिन्दगी की अलग अलग अनुभूति राता चोका और सेदोका अच्छे लगे।मुबारक सब को अच्छी रचना के लिये ।कमला घटाऔरा ।
रेशा-रेशा जलती
रफ्ता-रफ्ता चलती ।
shbd yugm ka sundr pryog , sbhi rchnaa en ek se badhakar ek haen .
sbhi ko badhai .
choka sahit sabhi sedoka bahut hi sunder lage .sabhi rachanakaron ko badhai.
pushpa mehra.
सकारात्मक सोच लिए बहुत सुन्दर चोका !
मन को गहरे छू गए ..सेदोका ..'रोती है नज़्म' ,पृथ्वी-पुत्री ..और ..वाह ज़िंदगी ..नींद न आई ,समय -पंछी ...सभी अनुपम !!
भावना जी , हीर जी , कमल कपूर जी , अनिता जी और कोमल जी को हार्दिक बधाई !!
चोका और सेदोका की बेहद सुन्दर प्रस्तुति...भावना जी , हरकीरत जी , कमल कपूर जी , अनिता जी और कोमल जी को हार्दिक बधाई !
Sabhi rachnayen apne aap men purn hain meri sabhi rachnakaron ko badhai...
भावना जी,हीर जी,कमल जी,कोमल बहुत उम्दा रचनाओं ने मन मोह लिया। बधाई।
सुंदर चोका एवं सेदोका !
सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई!!!
~सादर
अनिता ललित
bahut hi bhavpurn rachnayen aap sabhi ko bahut bahut badhai
rachana
बहुत उम्दा चोका और सेदोका...आप सभी को हार्दिक बधाई...|
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